महराजगंज । शरीर व उनके प्रमुख अंग हाथ, पैर से दिव्यांग बच्चों के उपचार के लिए अभिभावक काफी प्रयत्न कर उपचार करवाते हैं। लेकिन पैसे के अभाव में या जब बच्चों में दिव्यांगता में कोई बदलाव नहीं आता तो बहुत अभिभावक निराश होकर इलाज कराना छोड़ देते हैं। दिव्यांग बच्चा उसी दशा में घर के एक कोने में पड़ा रहता है उसे लगता है कि मैं अब ठीक नहीं हो पाऊंगा। ऐसे दिव्यांग बच्चों व उनके अभिभावकों में एक आशा की किरण दिखाने का काम नौतनवां के जाखेर बड़भुइया नि:शुल्क रूप से कर रहे हैं।
मूलत: नागालैंड निवासी जाखेर बड़भुइया बीते दस वर्षों से नौतनवा में विद्यालय खोलकर जहां बच्चों में शिक्षा के बीज अंकुरित कर रहे हैं, वहीं 2016 से अगापे सेवा संस्था नौतनवा के माध्यम से शून्य से 16 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों की तलाश कर उनको जीवन जीने की प्रेरणा दे रहे हैं। दिव्यांग बच्चों को अनुभवी चिकित्सक से जांच कराते हैं। यदि वह ऑपरेशन से ठीक हो सकते हैं, तो उनका ऑपरेशन भी करवाते हैं और उसके बाद भी व्यायाम के माध्यम से पूरा ख्याल रखते हैं। संस्था द्वारा दर्जनों परिवारों के दिव्यांग बच्चों को ट्राई साइकिल, कार्नर सीट, कैलिपर्स, वाकिग स्टिक आदि साधन दिए जा चुके हैं। डायरेक्टर जाखेर बड़भुइया ने बताया कि इस संस्था का प्रमुख कार्य अभिभावक व बच्चे के मन से दिव्यांग के भ्रम को दूर कर उन्हें जीवन जीने की प्रेरणा देना है। दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल खोलने का भी आरंभ किया जाएगा।
इनके चेहरे पर आई मुस्कान
तहसील क्षेत्र के शबनम (3) ग्राम अरघा, नंदनी (8) सिघोरवा, कार्तिक (3), शंकर शर्मा (3), गोलू, रीतेश निवासी नौतनवा सहित दर्जनों से अधिक परिवारों में जरूरी उपकरण दिए हैं जिससे परिवार के लोग समय-समय व्यायाम कराते रहें। जबकि रिया यादव व नित्ति के ऑपरेशन से आज यह दिव्यांगता से ठीक होते नजर आ रहे हैं।