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Tokyo Olympics 2020 : लवलीना बोरगोहेन ने रचा इतिहास , बॉक्सिंग में भारत का मेडल पक्का

Tokyo Olympics 2020 news भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020 ) में शुक्रवार को इतिहास रच दिया (made history) है। वह सेमीफाइनल (semi-finals) में पहुंच गई हैं। इस जीत के बाद भारत का एक और पदक पक्का (Another medal for India sure) हो गया है।

By संतोष सिंह 
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टोक्यो। Tokyo Olympics 2020 news भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020 ) में शुक्रवार को इतिहास रच दिया (made history) है। वह सेमीफाइनल (semi-finals) में पहुंच गई हैं। इस जीत के बाद भारत का एक और पदक पक्का (Another medal for India sure) हो गया है। क्वार्टर फाइनल में लवलीना ने महिलाओं की 69 किग्रा भार वर्ग में चीनी ताइपे की खिलाड़ी निएन चिन चेन( Neon Chin Chain) को 4-1 से करारी शिकस्त दी। असम की 23 साल की मुक्केबाज लवलीना बोरगोहोन की निएन चिन चेन के खिलाफ यह पहली जीत है। इससे पहले लवलीना ने तीन मौकों पर निएन का सामना किया था, जिसमें उन्हें हार झेलनी पड़ी थी।

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अब सेमीफाइनल में लवलीना का मुकाबला मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की की बुसानेज सरमेनेली से होगा। जिन्होंने क्वार्टर फाइनल में अन्ना लिसेंको को शिकस्त दी। दो बार की विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकीं लवलीना बोरगोहेन ने मैच के दौरान गजब का प्रदर्शन करते हुए अपनी प्रतिद्वंदी को हराया है। मुकाबले के आखिरी के तीन मिनटों में उन्होंने अपना रक्षण भी नियंत्रित रखा और जवाबी हमले में अपने प्रतिद्वंदी पर भारी पड़ीं।

लवलीना बोरगोहेन ( lovlina borgohain) पहले रांउड में चीनी ताइपे की मुक्केबाज पर भारी पड़ीं। भारतीय बॉक्सर ने कुछ बेहतरीन राइट और लेफ्ट हुक जड़े। दूसरी ओर निएन चेन ने भी अटैक करने की कोशिश की, लेकिन लवलीना के डिफेंस का तोड़ नहीं ढूंढ पाई। पहले रांउड में तीन जजों ने लवलीना और दो जजों ने विपक्षी मुक्केबाज को बेहतर माना।

दूसरे राउंड में भारतीय बॉक्सर पूरी तरह अपने विपक्षी खिलाड़ी पर हावी रहीं। पांचों जजों ने लवलीना के प्रदर्शन को बेहतर माना। दो राउंड में बढ़त हासिल करने के बाद लवलीना ने डिफेंसिव होकर खेलना उचित समझा। निएन चिन चेन ने कुछ पंच जड़ने की कोशिश की, लेकिन लवलीना ने इन प्रयासों का खूबसूरती से बचाव किया। तीसरे राउंड में चार जजों ने लवलीना के पक्ष में फैसला दिया।

लवलीना को पहले जज ने 30, दूसरे ने 29, तीसरे ने 28, चौथे ने 30 और पांचवें जज ने 30 अंक दिए। वहीं, निएन चिन को पहले जज ने 27, दूसरे ने 28, तीसरे ने 29, चौथे ने 27 और आखिरी जज ने भी कुल 27 अंक दिए। लवलीना बोरगोहेन ओलंपिक की मुक्केबाजी इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर हैं। इससे पहले विजेंदर सिंह (Vijender Singh) और एमसीसी मैरीकॉम (MCC Mary Kom) यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं। सबसे पहले विजेंदर सिंह ने बीजिंग ओलंपिक (2008) के मिडिलवेट कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था। 2012 के लंदन ओलंपिक में एमसीसी मैरीकॉम ने फ्लाइवेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था।

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राष्ट्रीय कोच मोहम्मद अली कमर बोले- लवलीना ने अपने कद का उठाया फायदा

राष्ट्रीय कोच मोहम्मद अली कमर ने कहा कि उसने (लवलीना) जवाबी हमलों पर रणनीति पर अमल किया और अपने कद का फायदा उठाया। पिछले मुकाबले में इसी विरोधी के खिलाफ आक्रामक होने की कोशिश में वह हार गई थी। इस बार हमने उसे कहा कि आप खड़े रहो और उसे आने दो। उन्होंने कहा कि उसने जबर्दस्त धैर्य का प्रदर्शन किया और रोमांचित नहीं हुई। उसने अति आक्रामक होने की कोशिश भी नहीं की और रणनीति पर अच्छी तरह से अमल किया। वह आक्रामक होती तो चोटिल हो सकती थी।

असम के गोलाघाट जिले की लवलीना ने किक बॉक्सर के रूप में शुरूआत की थी, लेकिन बाद में भारतीय खेल प्राधिकरण के पदम बोरो ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। उन्होंने मुक्केबाजी में उसका पदार्पण कराया और अपनी पहली ही विश्व चैम्पियनशिप में 2018 (World Championship in 2018) में उसने कांस्य पदक (bronze medal) जीता। अगले साल फिर उस प्रदर्शन को दोहराया।

बता दें कि बीते साल लवलीना कोरोना संक्रमण का शिकार गई थीं। जिसके चलते वह अभ्यास करने के लिए यूरोप नहीं जा पाईं। चीनी ताइपे की खिलाड़ी निएन चिन चेन को हराने के बाद जैसे ही रेफरी ने उनका हाथ ऊपर उठाया वह खुशी के मारे फूली नहीं समाई और जोर-जोर से चिल्लाने लगीं।

बता दें कि इससे पहले बॉक्सिंग में भारत की खराब शुरुआत हुई। सिमरनजीत कौर को 60 किग्रा स्पर्धा में थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोंदी से हार का सामना करना पड़ा। सीसोंदी ने सिमरनजीत को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से शिकस्त दी थी।

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