मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) की महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई (Trupti Desai) सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में प्रवेश करने के लिए मंगलवार सुबह केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पहुंचींं। तृप्ति मंगलवार सुबह कोच्चि हवाई अड्डे पर उतरीं। अब वे पठानमथिट्टा जा रही हैं। तृप्ति के साथ पिछले साल सबरीमाला मंदिर जाने वाली महिला बिंदु अम्मिनी भी हैं। कोर्ट ने हालांकि 28 सितंबर, 2018 को दिए गए निर्णय पर रोक नहीं लगाई है, जिसमें 10 से 50 साल आयुवर्ग के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था।
केरल पहुंचने पर तृप्ति देसाई ने कहा, ‘हम संविधान दिवस के मौके पर सबरीमाला मंदिर में दर्शन करेंगे। राज्य सरकार या पुलिस हमें नहीं रोक पाएंगे। हमें सुरक्षा दी जाए या ना दी जाए, हम आज मंदिर जाकर ही मानेंगे।’ उधर सबरीमाला के लिए यात्रा शुरू करने से पहले कई महिला कार्यकर्ता कोच्चि सिटी पुलिस कमिश्नर के ऑफिस पहुंचीं। यहां बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ता पहले से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी साल जनवरी में भगवान अयप्पा के दर्शन करने वाली बिंदू अम्मिनी ने आरोप लगाया कि उन पर किसी ने मिर्च पाउडर फेंककर हमला किया है।
बता दें कि पिछली बार की तरह इस बार केरल की वाममोर्चे की सरकार सभी आयु वर्गों की महिलाओं को मंदिर में एंट्री दिलाने पर ज्यादा जोर नहीं दे रही है। सीपीएम ने राज्य सरकार को केरल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसा करने की सलाह दी है। बता दें कि सितंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल सरकार ने तमाम विरोध के बीच महिलाओं को मंदिर में एंट्री दिलवाई थी।
महिलाओं को दर्शन चाहिए, तो कोर्ट का आदेश लाएं
केरल के देवास्वोम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा, ‘अगर कोई महिला सबरीमाला तक जाने के लिए पुलिस सुरक्षा चाहती है तो उसे कोर्ट का आदेश लाना होगा।’ बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल सरकार ने युवा महिलाओं को मंदिर में एंट्री देने में विशेष दिलचस्पी दिखाई थी और जो भी महिला मंदिर तक जाने के लिए सुरक्षा मांगती, उसे वह मुहैया कराई जाती।
‘तृप्ति देसाई जैसे लोग अपनी ताकत दिखाने न आएं’
मंत्री सुरेंद्रन ने स्पष्ट किया कि इस बार राज्य सरकार उन महिलाओं को किसी तरह की रियायत नहीं देगी, जो पहले ही मंदिर जाने का मन बना चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘सरकार इस साल सामाजिक कार्यकर्ताओं को किसी भी तरह के ऐक्टिविजम की इजाजत नहीं देगी। तृप्ति देसाई जैसे लोग इसे अपनी ताकत दिखाने के मौके के तौर पर न देखें। सबरीमाला ऐसे ड्रामों को दिखाने की जगह नहीं है।’