नई दिल्ली: श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयान से शुरु हुई राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। रेलवे के तरफ से खुद रेल मंत्री ने जब मोर्चा संभाला तो शिवसेना ने अपने सबसे बड़े नाम संजय राउत को सामने किया। वहीं सोमवार सुबह कांग्रेस के तरफ से मोर्चा खोला रणदीप सुरजेवाला ने।
आईये हम आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते है उद्धव के जबाब में टव्विट कर रेल मंत्री ने कहा कि आप 1 घंटे में लिस्ट दीजिए तो हम सोमवार को ही 125 ट्रेनें चलाने को तैयार हैं। इसके बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल का दुसरा ट्विट आया जिसमें ने कहा गया की ‘दुख की बात है कि 1.5 घंटे हो गए हैं पर महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे के GM मध्य रेल को, कल की 125 ट्रेनों की निर्धारित जानकारी नहीं दी है। ट्रेन प्लान करने में समय लगता है और हम नहीं चाहते कि ट्रेनें स्टेशन पर आ कर खाली खड़ी रहें इसलिए पूरी जानकारी के बिना प्लान करना असंभव है।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘आशा करता हूं कि महाराष्ट्र सरकार हमारे इन श्रमिकों के लाभ के लिए किए गए प्रयास में पूरा सहयोग करेगी।’ गोयल ने फिर लिखा, टीवी के जरिए पता चल रहा कि आपने 200 लिस्ट दी हैं मगर सोमवार को चलने वाली एक भी ट्रेन के यात्रियों की लिस्ट GM मध्य रेल के पास फॉलोअप के बाद भी नहीं आई है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि सभी निर्धारित जानकारी जैसे, कहां से ट्रेन चलेगी, यात्रियों की ट्रेनों के हिसाब से सूची, उनका मेडिकल सर्टिफिकेट और कहां ट्रेन जानी है, यह सब सूचना अगले एक घंटे में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पहुंचाने की कृपा करें, जिससे हम ट्रेनों की योजना समय पर कर सकें।
पहले दिन से रेल मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जितनी गाड़ियां मांगीं, रेल मंत्रालय ने दीं। कई गाड़ियां तो खाली चली गईं क्योंकि उनमें जाने के लिए मजदूर ही नहीं थे। इसके बावजूद वे लगातार महाराष्ट्र सरकार की मदद कर रहे थे। अपनी नाकामी छुपाने के लिए जब मुख्यमंत्री या उनके सांसद कहते हैं कि हमने 200 गाड़ियां मांगीं और हमें 40 ही मिलीं, तो ये सरासर झूठ है। इसीलिए पीयूष जी ने साफ शब्दों में कहा कि आप लिस्ट दीजिए। वो स्पेशल गाड़ियों के लिए लिस्ट तो छोड़िए जो रेगुलर गाड़ियां जाती हैं उनकी लिस्ट भी नहीं दे पाए।’ इसके बाद बारी थी शिवसेना की उनकी तरफ से मोर्चा संभाला शिवसेना सांसद और सामना के संपादक संजय राउत में राउत ने ट्विट कर रेलवे पर चुटकी ली। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ट्रेनों को वही पहुंचाए जहां के लिए जा रही हो।
गौरतलब हैं कि बीते 4 दिनो के अंदर करीब 40 श्रमिक स्पेशल अपने रुट के बदले घंटो देरी से चली या फिर अपने गंतव्य से दुर सैकड़ो किलोमीटर दुर पहुंच गई।
वासी मुंबई की ट्रेन गोरखपुर के बदले राउलकेला पहुंच गई।
बंगलोर पटना की ट्रेन पुरुलिया चली गई।
ओडिसा वाली ट्रेन वाराणसी में फंस गई।
बैंगलोर से बस्ती जा रही ट्रेन गाजियाबाद पहुंच गई।
दरभंगा की ट्रेन राउरकेला पहुंच गई।
हालांकि रेलवे के तरफ से इस मामले में एक बयान आया जिसमें कंजेशन की वजह से रुट बदलने की बात कही गई पर जानकार बता रहे है की ये पुरी तरह से रेलवे जोन और ट्रैफिक के लोगो में कोआर्डिशेन की कमी की वजह से ये सारा मामला हुआ है। इधर कांग्रेस इस मामले में रेल मंत्री पर निशाना साध रही हैं ।