नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी गई है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने देना बैंक और विजया बैंक को सरकारी क्षेत्र के ही एक बड़े बैंकिंग प्रतिष्ठान बैंक ऑफ बड़ौदा में मिलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस विलय का मकसद भारतीय बैंकों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाना है।
इस बात की जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘इस विलय से इन बैंकों के कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और विलय के बाद कोई छंटनी भी नहीं होगी। आगे उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी ऋणदाता बनाने के लिए विलय की यह योजना तैयार की गई है। इससे पहले बुधवार को बैंक ऑफ बड़ौदा ने विजया बैंक और देना बैंक को खुद में मिलाने के लिए इन बैंकों के साथ अपने शेयरों की अदला-बदली की रेट्स को अंतिम रूप दिया। विलय की योजना के मुताबिक, विजया बैंक के शेयरधारकों को इस बैंक के प्रत्येक 1,000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे। वहीं देना बैंक के मामले में, उसके शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे।