बैंगलुरू। केंद्रीय मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा को लेकर सोमवार को एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब वह दिल्ली से एक उड़ान से बेंगलुरू हवाईअड्डे पर पहुंचे और क्वारंटाइन में नहीं गए. उन्होंने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि वह औषधि विभाग के प्रभारी होने के नाते छूट प्राप्त श्रेणी में आते हैं. कर्नाटक सरकार ने भी उनका बचाव करते हुए कहा कि केंद्र ने आवश्यक सेवाओं का प्रबंधन करने वाले लोगों को क्वारंटाइन में जाने से छूट देने का आदेश जारी किया था.
सदानंद गौड़ा को ठीक उसी तरह क्वॉरंटीन नियमों का पालन करने को लेकर सवाल किया गया था, जैसा कि देशभर में अन्य लोग कर रहे हैं. इसके लिए केंद्र की तरफ से बकायदा गाइडलाइंस भी जारी हुई हैं. लेकिन मंत्री जी ने कहा कि ये नियम उन पर लागू होता ही नहीं है. इसके बाद मंत्री जी बैठक में भी शामिल हुए.
कर्नाटक सरकार की गाइडलाइंस पर उठे सवाल
अब सवाल ये उठाए जा रहे हैं कि जब कर्नाटक सरकार ने अपनी गाइडलाइन में साफ कहा है कि दिल्ली से आने वाले लोगों को 7 दिन का क्वॉरंटीन पीरियड पूरा करना जरूरी है तो ऐसे में मंत्री जी को क्वॉरंटीन क्यों नहीं होना पड़ा? कर्नाटक सरकार ने हाल ही में अपनी गाइडलाइन जारी की हैं, जिसमें साफ-साफ लिखा गया है कि, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली से आने वाले लोगों के लिए एक हफ्ते का इंस्टीट्यूशनल (स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल आदि) क्वॉरंटीन जरूरी है. इस गाइडलाइन में गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर पर ही क्वॉरंटीन होने की छूट दी गई है.
केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा का एयरपोर्ट का ये वीडियो काफी वायरल हुआ. लोगों ने इसे लेकर उन पर जमकर हमला बोला. मामला बढ़ने के बाद मंत्री मीडिया के सामने आए और बताया कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया. उन्होंने इसके लिए कुछ अजीब उदाहरण भी दिए. जिसमें उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर को क्वॉरंटीन कर देंगे तो इलाज कौन करेगा.
गौड़ा ने अपनी सफाई में कहा, “कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें क्वॉरंटीन नियमों में छूट दी गई है. जब उनके पास कोई जिम्मेदारी वाला पद होता है. अगर किसी डॉक्टर या नर्स को हॉस्पिटल में नहीं आने दिया जाए तो क्या हम कोरोना से लड़ सकते हैं? अगर सप्लाई ठीक से नहीं होगी तो काम कैसा चलेगा. मैं फार्मेटिकल मिनिस्ट्री का मंत्री हूं. मैं चार्टड फ्लाइट से भी बेंगलुरु आ सकता था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया.”
केंद्रीय मंत्री ने एक और तर्क दिया कि उनके फोन में जो आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड है, उसमें उनका स्टेटस ग्रीन दिख रहा है यानी वो पूरी तरह से सेफ हैं.