लखनऊ। उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र में गैंगरेप पीड़िता को आरोपियों द्वारा जलाये जाने के मामले में अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मामले में आरोपित शुभम त्रिवेदी की बहन का कहना है कि उसके भाई शुभम व पिता हरीशंकर को राजनीतिक रंजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उसने बताया कि उसकी मां सावित्री कुंदनपुर ग्राम पंचायत की प्रधान हैं इसलिए उनके परिवार के खिलाफ काफी लोग रंजिश कर रहे हैं, इसी के चलते भाई व पिता को फंसा दिया गया है। बहन ने इस मामले में पिता व भाई को बेकसूर बताते हुए सरकार से CBI जांच करवाने की मांग की है।
आपको बता दें कि पीड़ित युवती उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली है। पुलिस के मुताबिक गांव के ही शिवम त्रिवेदी के साथ पीड़िता का प्रेम संबध था, पीड़िता ने आरोप लगाया था कि शादी का झांसा देकर काफी दिनो तक शिवम ने उसके साथ यौन शोषण किया और बाद में जब शिवम के परिजनो ने विरोध किया तो वो धमकी देने लगा। यही नही पीड़िता का आरोप था कि शिवम के रिश्तेदार शुभम त्रिवेदी ने 12 दिसंबर 2018 को उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। पीड़िता ने इस मामले में पहले रायबरेली में तहरीर दी और फिर उन्नाव में। लेकिन काफी दिनो तक पुलिस पीड़िता को टहलाती रही। जब पीड़िता का मामला कोर्ट और महिला आयोग पंहुचा तो कोर्ट के आदेश पर उन्नाव के साथ साथ रायबरेली के लालगंज में भी शिवम व शुभम के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया।
बीते 30 नवंबर को ही शिवम जमानत पर जेल से रिहा होकर आया था। पीड़ित परिवार का कहना है कि इसके बाद लगातार शिवम व उसके घर वाले मुकदमा वापस लेने की मांग कर रहे थे। मामला रायबरेली में दर्ज हुआ था इसलिए रायबरेली कोर्ट में ही सुनवाई हो रही थी। सुनवाई को लेकर वकील से मिलने के लिए ही पीड़िता गुरूवार सुबह घर से बैसवारा रेलवे स्टेशन की तरफ निकली थी। आरोप है कि तभी शिवम अपने पिता राजकिशोर, शुभम, शुभम के पिता हरीशंकर और उमेश के साथ वहां आ पंहुचे और केरोसिन डालकर उसे जला दिया। पीड़िता वहां से भागी तो गांव के ही एक शख्स ने उसपर कम्बल डाला और शोरगुल मचाकर पुलिस की मदद से उसे अस्पताल पंहुचाया गया जहां पीड़िता ने पांचो आरोपितो के खिलाफ बयान दिया है।
बताया गया कि पहले पीड़िता को नजदीकी सीएचसी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने गम्भीर हालत बताते हुए लखनऊ के सिविल अस्पताल रिफर कर दिया। इस घटना में पीड़िता 90 फीसदी जल गई है तो सरकार ने उसके बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पंहुचाया। जहां अभी भी वो जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रही है। घटना पर मुख्यमंत्री योगी ने कठोर कदम उठाने के निर्देश दिए। डीजीपी ओ पी सिंह के मुताबिक पीड़िता के बयान के आधार पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें शुभम, हरि शंकर, उमेश बाजपेई व राम किशोर को उन्नाव पुलिस ने गिरफ्तार किया, जबकि आरोपित शिवम ने ने खुद थाने आकर सरेंडर किया। वहीं इस मामले में मंडलायुक्त मुकेश मेश्रम द्वारा उन्नाव के एएसपी विनोद पांडेय के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय टीम ने जांच शुरू कर दी है।