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UP Assembly Election 2022: दलितों और पिछड़ों की बात करने वालीं मायावती को क्यों याद आए ब्राह्मण?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर तैयारियां शुरू हो गयीं हैं। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) की मुखिया मायावती ने भी वोटरों को लुभाने के लिए अपना प्रयास तेज कर दिया है। चुनाव से पहले मायावती ( Mayawati) ने ब्राह्मण वोटर्स (Brahmin Voters) को लुभाने के लिए अपना दांव चला है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर तैयारियां शुरू हो गयीं हैं। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) की मुखिया मायावती ने भी वोटरों को लुभाने के लिए अपना प्रयास तेज कर दिया है। चुनाव से पहले मायावती ( Mayawati) ने ब्राह्मण वोटर्स (Brahmin Voters) को लुभाने के लिए अपना दांव चला है।

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इसी क्रम में आज से रामनगरी अयोध्या (Ramnagari Ayodhya) से बसपा के नेता सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में इस अभियान की शुरूआत हो गयी है। सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या पहुंच गए हैं और उन्होंने सबसे पहले वहां पर रामलला के दरबार में पहुंचे और दर्शन किया।

इस दौरान उन्होंने भाजपा पर हमला भी बोला है। उन्होंने कहा कि, हम राम की पूजा करते हैं लेकिन उस पर राजनीति नहीं करते हैं। लेकिन भाजपा इस पर राजनीति करती है।

14 अगस्त तक चलेगा अभियान
​यूपी चुनाव से पहले बसपा ने आज से ब्राह्मण वोटर्स को लुभाने का प्रयास शुरू कर दिया है। ब्राह्मण सम्मेलन के जरिए बसपा ब्राहमण वोटर्स को पार्टी से जोड़ेगी। इसके लिए सतीश ​चंद्र मिश्रा की अगुवाई में बसपा ये काम कर रही है। अयोध्या में आज यानी 23 जुलाई से शुरू हुआ ये अभियान पूरे प्रदेश के अलग अलग हिस्सो में 14 अगस्त तक चलेगा।

2007 में भी मायावती ने चला थे ये दाव
उत्तर प्रदेश ​के विधानसभा चुनाव 2007 में भी बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर दाव चला था। सोशल इंजीनियरिंग के जरिए उन्होंने ब्राह्मण वोटर्स को अपनी तरफ आकर्षित किया था, जिसके कारण वह पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आईं थीं। इस चुनाव में ब्राह्मण वोटर्स का बहुत बड़ा योगदान माना जा रहा था। 2007 की तरह ही मायावती ने एक बार फिर ये बड़ा दाव चला है। हालांकि, मायावती का ये दाव कितन असर दिखता है ये तो आने वाले समय मेें ही बतायेगा।

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खुशी दुबे का केस लड़ने का भी ऐलान
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मण वोटर्स को लुभाने के लिए तीन दिन पूर्व बड़ा दाव चला था। दरअसल, उन्होंने बिकरू कांड में मारे गए मुख्य आरोपी विकास दुबे के साथी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे का केस लड़ने का ऐलान किया था। दरअसल, बिकरू कांड के कुछ दिन पहले ही अमर दुबे की शादी खुशी दुबे से हुई थी। वहीं, शादी के बाद बिकरू कांड हो गया। इस कांड के बाद पुलिस ने अमर दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। साथ ही खुशी दुबे के खिलाफ मुकदमा दर्जकर जेल भेज दिया था। हालांकि, खुशी दुबे की गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल उठे थे। क्योंकि वो बिकरू कांड से कुछ दिन पहले ही उसकी शादी हुई थी।

 

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