लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली के मीटरों में एक के बाद एक फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। यहां पर अच्छी गुणवत्ता का हवाला देकर ये मीटर लगाए जा रहे थे लेकिन इन दावों की हकीकत सामने आते ही हड़कंप मच गया है। इटावा मं एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां लगने से पहले ही मीटर की रीडिंग आनी शुरू हो गयी। ये फर्जीवाड़ा देखकर सभी के होश उड़ गए। इसके बाद जिले की विद्युत पीरक्षणशाल के सहायक अभियंता ने आलाधिकारियों को चिट्ठी लिखकर मामले की जानकारी दी।
हालांकि, अब पावर टेक कंपनी के मीटर लगाने के फैसले पर रोक लगा दी गयी है। इसके साथ ही दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने ये निर्णय भी लिया है कि जिन मीटरों की शिकायतें मिलती हैं, उन्हें तत्काल बदलकर संबंधित उपभोक्ताओं का बिजली का बिल रिवाइज किया जाए। वहीं, राजय विद्युत उपभोक्ता परिषतद ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। बता दें कि, प्रदेश के कई हिस्सों से मीटर रीडिंग को लेकर शिकातय आ चुकी है। इसके साथ ही इसे एक बड़ा घोटाला भी बताया जा रहा है। मीटर रीडिंग को लेकर सीबीआई जांच की मांग भी की गयी है।
आखिर कंपनी पर थी किसकी मेहरबानी?
पावर टेक कंपनी पर किसकी मेहरबानी थी, जिसके जरिए उसे मीटर लगाने का काम मिल गया। कंपनी के मीटर को लेकर कई शिकायतें आईं, जिसके बाद कार्रवाई शुरू हुई। सूत्रों की माने तो कंपनी पर कई अफसर मेहरबान थे, जिसके जरिए पावर टेक को आसानी से मीटर लगाने का काम मिल गया।