लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt) ने शराब पर दो फीसदी ‘गौ कल्याण उपकर’ (Cow Welfare Cess) लगाने का फैसला किया है। इसके साथ ही अनाश्रित गायों के लिए स्थानीय निकाय को 100 करोड़ रुपए दे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा, ‘प्रदेश के सभी ग्रामीण एवं शहरी निकायों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम) में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन नीति को स्वीकृति प्रदान की गई है।’
ऊर्जा मंत्री व सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सभी ग्रामीण और शहरी निकाय में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल खोले जाएंगे। इसमें सभी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम शामिल हैं। सरकारी जमीन पर यह आश्रय स्थल मनरेगा के जरिए बनवाए जाएंगे। साथ ही संबंधित ग्रामीण व शहरी निकायों की निधि व विधायक और सांसद विकास निधि का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
सरकार स्थानीय निकायों को इसके लिए 100 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर चुकी है। साथ ही सभी कांजी हाउस शुरू करवा के उसमें केयर टेकर तैनात किए जाएंगे। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर बीडीओ, तहसील स्तर पर एसडीएम, जिला स्तर पर डीएम और शासन स्तर पर मुख्य सचिव स्तर की स्टेट स्टेयरिंग कमिटी बनेगी। कांजी हाउस बनने के बाद उनका संचालन गो कल्याण सेस की आय से होगा।
श्रीकांत शर्मा ने बताया कि आबकारी विभाग में मौजूदा राजस्व के अलावा सेस लगाया जाएगा। वहीं, मंडी परिषद की मंडी शुल्क से होने वाली आय का 2 फीसदी हिस्सा इसमें खर्च होगा, पहले 1 फीसदी राशि ही खर्च की जाती थी। वहीं, फायदे में चल रहे उपक्रमों व निर्माण संस्थानों मसलन राजकीय निर्माण निगम, सेतु निगम, यूपीएसआईडीसी भी अपने मुनाफे से आधा फीसदी गो कल्याण के लिए देंगे। यूपिडा के लगाए जा रहे टोल टेक्स में भी 0.5 फीसदी अतिरिक्त गो कल्याण सेस लिया जाएगा। यूपीडा फिलहाल लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर टोल वसूलती है।