लखनऊ। उत्तर प्रदेश में टेलीविजन रेटिंग पॉइंट में घोटाले का मामला सामने आया है। इसको लेकर गोल्डन रैबिट कंपनी के सीईओ कमल शर्मा ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, अब इसकी सीबाआइ जांच की मांग की, जिसके बाद टीआरपी के खेल की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को सौंप दी गई है।
यूपी की राजधानी लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में चैनलों की टीआरपी को लेकर हुई धांधली के मामले में दर्ज कराई गई एफआइआर को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की सिफारिश पर दिल्ली सीबीआइ ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
टीआरपी को लेकर हुई धांधली के मामले में पहले लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एक विज्ञापन कंपनी के प्रवर्तक की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दिल्ली सीबीआइ की टीम ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों के अनुसार मुख्य आरोप पैसे लेकर टीआरपी रेटिंग में हेरफेर किए जाने का केस है।
बता दें कि पिछले दिनों मुंबई पुलिस ने टीआरपी में हेरफेर को लेकर जांच शुरू की थी। आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीआरपी रैकेट को लेकर जानकारी दी थी। परमबीर सिंह ने कहा था कि जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि कुछ पुराने वर्कर जो हंसा के साथ काम कर रहे थे कुछ टेलीविजन चैनल से डाटा शेयर कर रहे थे।
वो लोगों (जिनके घर में बैरोमीटर लगा था) से कहते थे कि आप घर में हैं या नहीं है चैनल ऑन रखिए। इसके लिए पैसे देते थे। कुछ व्यक्ति जो अनपढ़ हैं, उनके घर में अंग्रेजी के चैनल ऑन किया जाता था। इस काम में रिपब्लिक टीवी के साथ दो छोटे चैनल फख्त मराठी और बॉक्स सिनेमा भी शामिल है।