लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर है। इसके कारण कई इलाकों में बिजली नहीं जा रही है। मामले को सुलझाने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों और बिजली विभाग के बीच एक अहम बैठक हुई। फिलहाल इस मीटिंग में निजीकरण के निर्णय को स्थगित कर दिया गया है। अब 3 महीने बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। सरकार का कहना है कि सुधारों के मुताबिर आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।
समझौता तैयार हो रहा है, उसके बाद हस्ताक्षर किया जाएगा। बता दें कि, निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। इस बीच यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी मंगलवार शाम 4 बजे से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है। प्रदेश की सभी डिस्कॉम के अधिकारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। इससे राज्य में बिजली संकट के और गहराने की आशंका बढ़ गई है। राज्य के बिजली कर्मचारी और संविदाकर्मी सोमवार से हड़ताल पर हैं।
सीएम योगी के साथ बैठक खत्म
उत्तर प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते बिजली न होने की वजह से अब लोगों को पीने के लिए पानी तक मिलना मुहाल है। हालात की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लिया और ऊर्जा मंत्री, प्रमुख ऊर्जा सचिव समेत विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग बुलाई। मीटिंग में हड़ताल के कारण उपजी परिस्थितियों पर चर्चा हुई और फैसला किया गया कि निजीकरण को फिलहाल 3 महीने के लिए टाल दिया जाए। हालांकि हड़ताल का भविष्य क्या होगा, यह कर्मचारी संगठनों के रुख पर निर्भर है।
यूपी पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन के रवैये ने बढ़ाई मुसीबत
बिजली कर्मचारियों के आंदोलन के चलते सोमवार शाम को ही ऊर्जा मंत्री ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस ले लिया था। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें उन्होंने अपनी मांगें रखीं। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कर्मचारियों के बीच जाकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा की और सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। हालांकि यूपी पावर कारपोरेशन और विद्युत कर्मचारियों के बीच अभी सहमति नहीं बन पाई। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के निर्देश के बावजूद यूपीपीसीएल चेयरमैन ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए और सहमति पत्र पर विचार करने के लिए समय मांगा। इस तरह अभी बिजलीकर्मियों की हड़ताल जारी रहने की आशंका है।