'कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों...!' इस कहावत को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव की रहने वाली सानिया मिर्जा ने चरितार्थ कर दिखाया है। सानिया ने एनडीए की परीक्षा में 149वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान हासिल किया है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो सानिया भारत की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बन जायेंगी।
मिर्जापुर। ‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…!’ इस कहावत को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव की रहने वाली सानिया मिर्जा ने चरितार्थ कर दिखाया है। सानिया ने एनडीए की परीक्षा में 149वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान हासिल किया है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो सानिया भारत की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बन जायेंगी।
सानिया मिर्जा बनेंगी देश की पहली मुस्लिम फाइटर पायलट, यूपी के मिर्जापुर की रहने वाली हैं सानिया। pic.twitter.com/WamuVQUNes
— Shiv Maurya (@shivmaurya00) December 23, 2022
टीवी मैकेनिक हैं सानिया के पिता
बता दें कि, सानिया के पिता शाहिद अली टीवी मैकेनिक हैं। बताया जा रहा है कि सानिया बचपन से ही इंजीनियर बनना चाहती थी। 11वीं की परीक्षा के दौरान कुछ ऐसा वाक्या हुआ जिसके बाद सानिया ने अपने सपनों को पंख देना शुरू कर दिया और आज उस मुकाम को हासिल कर लिया।
गांव में हासिल की 10वीं तक की शिक्षा
मिर्जापुर देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के छोटे से गांव जसोवर की रहने वाली सानिया की पढ़ाई प्राइमरी से 10वीं तक गांव में हुई है। सानिया यूपी बोर्ड की परीक्षा में जिला टॉपर भी रही हैं। इसके बाद सानिया ने शहर के गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। सानिया ने बीते 10 अप्रैल उन्होंने एनडीए की परीक्षा दी। नवंबर में जारी लिस्ट में उनका चयन हुआ है। वे फ्लाइंग में चुनी जाने वाली दो महिलाओं में से एक हैं।