1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. UP Nikay Chunav 2023 : बागी बिगाड़ेंगे बीजेपी का खेल, मान- मन्नौवल और निष्कासन भी रहा बेअसर, फंस सकती हैं कई सीटें

UP Nikay Chunav 2023 : बागी बिगाड़ेंगे बीजेपी का खेल, मान- मन्नौवल और निष्कासन भी रहा बेअसर, फंस सकती हैं कई सीटें

UP Nikay Chunav 2023 : यूपी निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) के बीच सत्ताधारी दल बीजेपी ने बागियों का काफी मान-मनौव्वल और निष्कासन की कार्रवाई। लेकिन निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में बीजेपी (BJP)  का ये एक्शन कई जगहों पर भाजपा प्रत्याशियों के काम नहीं आई। तमाम प्रयास के बाद भी नगर निगम के वार्डों से लेकर नगर पंचायतों तक में भाजपा (BJP) के बागी खूब लड़े। कई स्थानों पर तो उन्होंने पार्टी का समीकरण ही बिगाड़ दिया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

UP Nikay Chunav 2023 : यूपी निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) के बीच सत्ताधारी दल बीजेपी ने बागियों का काफी मान-मनौव्वल और निष्कासन की कार्रवाई। लेकिन निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में बीजेपी (BJP)  का ये एक्शन कई जगहों पर भाजपा प्रत्याशियों के काम नहीं आई। तमाम प्रयास के बाद भी नगर निगम के वार्डों से लेकर नगर पंचायतों तक में भाजपा (BJP) के बागी खूब लड़े। कई स्थानों पर तो उन्होंने पार्टी का समीकरण ही बिगाड़ दिया।

पढ़ें :- जितिन प्रसाद ,बोले- भाजपा की कैम्पेन कमेटी तय करेगी वरुण गांधी मेरे लिए पीलीभीत में प्रचार करेंगे या नहीं

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के निर्देश पर शनिवार को भी 55 बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इनमें इटावा और औरैया से 19, पीलीभीत से 13, आजमगढ़ से 17 और बरेली से छह कार्यकर्ता और नेता शामिल हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने बागियों पर बड़ा एक्शन लेते हुए निकाय चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ उतरे बागी उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ने वाले 6 कार्यकर्ताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के निर्देश पर बागी हुए उम्मीदवारों पर कार्रवाई की गई है।

इन पर हुई कार्रवाई

बीजेपी ने एके बाजपाई, बृजेश पंडित, प्रमोद जायसवाल, रीता पासवान, सौरभ तिवारी, धर्मेंद्र शर्मा और वसीम खान समेत कुल 30 लोगों पर कार्रवाई करेंगे। इससे पहले पार्टी ने लखनऊ और वाराणसी में बागियों पर एक्शन लिया था। पार्टी ने पहले वाराणसी में 35 कार्यकर्ताओं को निष्कासित किया था। इसके बाद लखनऊ में अपने 35 कार्यकर्ताओं को निष्कासित किया था। इसमें एक पूर्व पार्षद भी शामिल थे।  लखनऊ में पार्टी ने सुरेश अवस्थी, दिलीप श्रीवास्तव, अमित मौर्या, सुभाषिनी मौर्य कई बड़े स्थानीय कार्यकर्ताओं पर एक्शन लिया था।

पढ़ें :- अरविंद केजरीवाल को जेल में डालकर पंजाब और दिल्ली में सरकार गिराना चाहती है बीजेपी : सौरभ भारद्वाज

पहले चरण में हुए मतदान के बाद मिले रुझान के मुताबिक इन बागियों की वजह से नगर पंचायतों से लेकर नगर निगम के वार्डों तक में भाजपा की कई सीटें फंस सकती है। ये बागी कहीं भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ खुद लड़ाई में दिख रहे हैं तो कहीं उन्होंने वोट काटकर पार्टी प्रत्याशी के हार की नींव तैयार कर दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर नगर निगम की बात करें तो 10 से अधिक वार्डों में बागी होकर मैदान में उतरे भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रत्याशियों से कड़ा मुकाबला किया है। अशोक नगर में निवर्तमान पार्षद राजेश तिवारी की पत्नी सुमन तिवारी और धर्मशाला बाजार में खुद निवर्तमान पार्षद छट्ठी लाल गुप्ता ने निर्दल प्रत्याशी के तौर पर मजबूत लड़ाई लड़ी है। शक्तिनगर, सैनिक विहार, रानीडीहा, गायघाट, साहबगंज, नकहा और सिविल लाइंस द्वितीय वार्ड में भाजपा प्रत्याशियों को बागियों से कड़ा मुकाबला करना पड़ा। इनमें से आधा दर्जन से अधिक वार्डों में तो भाजपा प्रत्याशी सीधे बागियों से हारते नजर आ रहे हैं, बाकी में यह बागी उनकी हार की वजह बनते दिख रहे।

नगर पंचायतों की बात करें तो सहजनवां, पीपीगंज और गोला में निवर्तमान नगर नगर पंचायत अध्यक्षों ने भाजपा से टिकट न मिलने के चलते बागी होकर पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ जमकर मुकाबला किया है। सहजनवां से बागी के तौर पर सुमन सिंह और पीपीगंज से गंगा प्रसाद जायसवाल निर्दल प्रत्याशी के रूप में खूब लड़े हैं। गोला में टिकट न मिलने से नाराज होकर निवर्तमान अध्यक्ष लालती देवी ने बसपा का प्रत्याशी बन भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी है। इन तीनों सीटों पर जीत को लेकर पार्टी प्रत्याशियों के साथ-साथ पदाधिकारियों की भी सांस अटकी हुई है। उनवल नगर पंचायत की स्थिति भाजपा की दृष्टि से और खराब है, यहां के भाजपा प्रत्याशी को तीन बागियों से मुकाबला करना पड़ा है। घघसरा बाजार में पहली बार नगर पंचायत चुनाव हुआ है लेकिन वहां के भाजपा प्रत्याशी को भी पार्टी बागी से कड़ी टक्कर लेनी पड़ी है। अन्य नगर पंचायतों में भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में बागियों का विरोध भाजपा प्रत्याशी को झेलना पड़ा है।

चुनाव के ठीक पहले 21 बागियों का हुआ निष्कासन

टिकट की घोषणा के बाद जब बड़ी संख्या में भाजपा में बागियों का स्वर मुखर होने लगा तो पार्टी ने उनकी तरह-तरह से मान-मनौव्वल की। बड़ी संख्या में बागियों को शांत करने में सफलता भी मिली पर दर्जन भर से अधिक बागी उसके बाद भी जब नहीं माने तो पार्टी ने चुनाव से ठीक पहले उनके निष्कासन की कार्रवाई कर दी। निष्कासन के जद में नगर से लेकर नगर पंचायत तक के 21 बागी आए। इनमें नगर पंचायत सहजनवां की निवर्तमान अध्यक्ष सुमन सिंह और निगम के अशोक नगर वार्ड के निवर्तमान पार्षद राजेश तिवारी व धर्मशाला बाजार के निवर्तमान पार्षद छट्ठी लाल गुप्ता शामिल रहे। निष्कासित होने वाले बागियों में वह कार्यकर्ता भी शामिल रहे, जो बागी प्रत्याशियों की खुलकर मदद कर रहे थे।

पढ़ें :- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज, कर सकती हैं बड़ा खुलासा

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...