रामपुर। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं हैं। आजम खान, उनकी पत्नी और बेटा अब्दुल्ला इस समय सीतापुर जेल में बंद हैं। इस बीच अब्दुल्ला आजम पर और शिकंजा कसता जा रहा है। मुख्य लेखा अधिकारी ने अब्दुल्ला को नोटिस जारी कर विधायक रहते हुए वेतन और भत्ते के रूप में लिए गए 65 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया है।
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने 2017 में विधानसभा उपचुनाव में स्वार विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनाव में जीतकर अब्दुल्ला आजम विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि, कुछ दिनों बाद उन पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए चुनाव लड़ने का आरोप लगा था।
उपचुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने हाईकोर्ट में एक रिट दायर की थी। इसमें कहा गया था कि अब्दुल्ला फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा है। मामले में हाईकोर्ट ने प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी को देखते हुए विधायकी रद कर दी थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद आजम के बेटे अब्दुल्ला की विधायकी रद की गई तो फरवरी 2020 में इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया।
विधानसभा सचिवालय के उप सचिव और मुख्य लेखाधिकारी अनुज कुमार पांडे ने अब्दुल्ला आजम को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि उन्होंने विधायक रहते हुए वेतन भत्ते और अन्य सुविधाओं के रूप में 65 लाख 68 हजार 713 रुपये का इस्तेमाल किया है। इस धनराशि की वसूली होनी है। इसे तीन माह के अंदर जमा कर दें। उन्होंने बताया कि अब्दुल्ला से जो राशि की वसूली होगी उस रकम को सरकारी कोष में जमा कराया जाएगा।