लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड(यूपीपीसीएल) की निर्माण इकाई के परियोजना प्रबन्धक राजेश वर्मा को लेकर एक शिकायत पत्र प्रमुख सचिव टी. वेंकटेश द्वारा जारी किया गया है। शिकायत पत्र के मुताबिक राजेश वर्मा ने विभागीय नियमों को ताक पर रखते हुए ई-टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार कर वर्क ऑर्डर के आधार पर काम बांट दिये। सूत्रों की मानें एमडी के चहेते माने जाने वाले राजेश वर्मा पर काफी मेहरबानी बनी हुई है। हालांकि शिकायत पत्र सामने आने के बाद विभाग में हलचल शुरू हो गयी है।
बताया जा रहा है कि एमडी ने राजेश वर्मा को टेक्निकल कमेटी अनुभाग से अटैच कर दिया है। जिस आरोप में राजेश वर्मा की विभागीय जांच हो रही है। उसी टेंडर कमेटी में उसको अटैच करना एमडी की मनमर्जी और विभाग को अपने ढंग से चलाने का कार्य बताया जा रहा है। बता दें कि एमडी निगम और राजेश वर्मा मूलतः सिंचाई विभाग से आते हैं। इसी वजह से दोनों की अंडरस्टैंडिंग बनी हुई है और एमडी, राजेश का मोह छोड़ नहीं पा रहे हैं।
बताते चलें कि प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश वर्मा ने मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय का काम अपनी मनमर्जी के मुताबिक वर्क आर्डर में कर दिया। यही नहीं इनहोने मिलीभगत के चलते कई काम अपने चहेते ठेकेदारों को बांट दिये। हालांकि अब देखना ये होगा कि ऐसे मलाईदार पदों पर बैठे हुए अफसरों पर सरकार की निगाहें कब टेढ़ी होती हैं।