मुम्बई। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजनीतिक पार्टियों के साथ साथ बॉलीवुड में भी दो गुट बन गये हैं। एक गुट इस कानून का समर्थन कर रहा है तो दूसरा गुट विरोध जता रहा है। हाल ही में नागरिकता कानून के विरोध को लेकर फिल्म निदेशक अनुराग कश्यप काफी चर्चाओं में थे वहीं अब बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने भी इस कानून के खिलाफ बयान दिया है।
उर्मिला मातोंडकर ने गुरुवार को एक सार्वजनिक बैठक के दौरान नागरिकता संशोधन कानून को काला कानून बता दिया। यही नही उन्होने इसकी तुलना 1919 के रॉलेट एक्ट से की। आपको बता दें कि यह बैठक सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ नॉन वायलेंट पीपुल्स मूवमेंट ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित की थी।
उर्मिला मातोंडकर ने कहा, ‘1919 का रॉलेट एक्ट और 2019 का सीएए ऐसे दो अधिनियम हैं जिन्हें इतिहास में ‘काले कानून’ के रूप में जाना जाएगा। सीएए गरीब लोगों के खिलाफ है। जैसा कि कहा जा रहा है यह कानून मुस्लिम विरोधी है। हम ऐसा अधिनियम नहीं चाहते हैं जो धर्म के आधार पर मेरी पहचान और नागरिकता का पता लगाता हो। यह हमारे संविधान में है कि आप धर्म, भाषा, लिंग या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते।’
आपको बता दें कि रॉलेट एक्ट को काला कानून भी कहा जाता है। यह कानून अंग्रेजो ने भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलन को कुचलने के लिए बनाया था। इस कानून के तहत ब्रिटिश सरकार को ये अधिकार प्राप्त हो गया था, कि वह किसी भी भारतीय पर अदालत में बिना मुकदमा चलाए, उसे जेल में बंद कर सकती थी। सबसे हैरानी की बात थी कि इस कानून के तहत अपराधी को उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले का नाम जानने का भी अधिकार नहीं था। इस कानून के खिलाफ देश में जमकर प्रदर्शन हुए थे। महात्मा गांधी ने इसके खिलाफ हुए आन्दोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था।