नई दिल्ली। वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स (US diplomat Alice Wells) ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China-Pakistan Economic Corridor, CPEC) की आलोचना की है। राजनयिक ऐलिस वेल्स ने कहा की 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) परियोजना में पारदर्शिता नहीं है। इससे आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा।
वेल्स ने अपनी चार दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के दौरान यहां एक कार्यक्रम में कहा कि विश्व बैंक द्वारा प्रतिबंधित कंपनियों को सीपीईसी के ठेके दिए गए हैं। वेल्स दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की उप विदेश मंत्री हैं। सीपीईसी सड़क, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं का एक नियोजित नेटवर्क है, जो चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र को अरब सागर पर पाकिस्तान के रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है।
वेल्स ने पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान से कहा था कि वह सीपीईसी पर चीन से ‘कड़े सवाल’ करे क्योंकि इससे उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक वेल्स ने कहा कि सीपीईसी में पारदर्शिता नहीं है और चीन के वित्तपोषण से पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ रहा है। उन्होंने पाकिस्तान से इस परियोजना पर फिर विचार करने के लिए कहा।