नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे अभी तक नहीं आ पाए हैं। नतीजों का सभी को बेसब्री से इंतजार है। वहीं, इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन अपनी अपनी जीत के दावे कर चुके हैं। हालांकि, इन सबके बीच 77 साल की उम्र में भी बाइडेन पूरे चुनाव के दौरान जोश और आत्मविश्वास से भरे नजर आए।
पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन के लिए यहां तक का सफर बिल्कुल आसान नहीं था। उन्होंने न सिर्फ अपने करियर में चुनौतियों का सामना किया बल्कि उनका निजी जीवन भी उथल-पुथल से भरा रहा। बाइडेन जीवन में अपने पिता के सिखाए हुए सिद्धांत का पालन करते हैं।
उनके पिता कहा करते थे कि किसी व्यक्ति की पहचान इससे नहीं होती कि वो कितनी बार नीचे गिरता है, बल्कि इससे होती है कि वो कितनी जल्दी वापस उठ खड़ा होता है। करियर की शुरुआत में ही परिवार के दो सदस्यों की मौत और फिर 2015 में 46 साल के बेटे की कैंसर से मौत देखी। यानी बाइडेन का परिवारिक जीवन हादसों से भरा रहा।
बता दें कि, 1988 में बाइडेन राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल हुए लेकिन एकेडमिक रिकॉर्ड में गड़बड़ियों के चलते वो रेस से बाहर हो गए। हालांकि उन्होंने गलतियों को स्वीकार करते हुए भविष्य में सुधार की बात कही। समय के साथ बाइडेन की छवि जनता के बीच एक ईमानदार नेता की बनती चली गई।