हिंदू शास्त्रों के अनुसार देवी देवताओं को प्रसन्न करने आर उनकी कृपा पाने लिए व्रत , उपवास का पालन किया जाता है।
Varalakshmi Vrat 2023 : हिंदू शास्त्रों के अनुसार देवी देवताओं को प्रसन्न करने आर उनकी कृपा पाने लिए व्रत , उपवास का पालन किया जाता है। पौराणिक मान्यता है देवी देवता गण भक्तों को दुखी नहीं देख सकते है। भक्तों की कठिन परीक्षा लेने के बाद देवी देवता गण भक्तों को वरदान देते है। मान्यता है कि देवी देवता भक्तों को संकटों से उबारती है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित कि आर्थिक संकट से मुक्ति पाने के लिए वरलक्ष्मी का व्रत किया जाता है। यह व्रत माह के अंतिम शुक्रवार को रखा जाता है। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। वो अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
पति की लंबी आयु, संतान की तरक्की, धन, सौंदर्य, ऐश्वर्य और कीर्ति आदि के लिए वरलक्ष्मी व्रत को रखा जाता है। इसे खासकर महिलाएं रखती हैं।इस व्रत का पालन करने से इंसान के जीवन से सभी दरिद्रता दूर हो जाती है
वरलक्ष्मी की कथा
मान्यताओं के अनुसार स्वयं शिव शंभू ने माता पार्वती को वरलक्ष्मी व्रत की कथा सुनाई थी।
वरलक्ष्मी व्रत का शुभ मुहूर्त
सिंह लग्न पूजा मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 55 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 42 मिनट तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।
वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 36 मिनट तक।
कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त – शाम 06 बजकर 22 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 50 मिनट तक।