लखनऊ। छोटी दीपावली (13 नवम्बर) पर एक लाख दीपों की रोशनी से नहाया हुआ गोमती का तट एक अद्भुत नजारा पेश करने वाला होगा। इस विहंगम दृश्य के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी एक अलग ही छटा बिखेरेगी। इन रंग-बिरंगी दियों की रोशनी धरा का अंधेरा मिटाने के साथ ही देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल को पंख देने व स्वयं सहायता समूह की हजारों महिलाओं के जीवन को रोशन करने का भी काम करेगी।
इन दियों को खास तौर से गाय के गोबर से तैयार करने में जुटीं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इसका सारा श्रेय सरकार को देती हैं जो कि उनके हुनर को एक नई पहचान देने में जुटी है। हनुमान सेतु के निकट झूलेलाल वाटिका में इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन गौ सेवा आयोग के तत्वावधान में प्रेरणा आजीविका मिशन के सहयोग से होने जा रहा है।
यह कार्यक्रम इसलिए भी अपने में अनूठा होगा क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर राजधानी में यह पहला दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम की एक और बड़ी खासियत यह होगी कि यह रंग-बिरंगी दिये स्वयं सहायता समूह की हजारों महिलाओं द्वारा खास तौर पर गाय के गोबर से तैयार किये जा रहे हैं। इन दियों को बनाने में जुटीं महिलाएं इससे होने वाली आमदनी को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि यह उनके व परिवार के जीवन स्तर में बदलाव लाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
मूर्तियां भी तैयार कर रहीं हैं महिलाएं
अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास व पंचायती राज मनोज कुमार सिंह का कहना है कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में उन्हें कई तरह के नए-नए काम सौंपे जा रहे हैं। वह घर बैठे अपने हुनर के बल पर अच्छी कमाई कर रहीं हैं। दीपावली के दीपक बनाने के साथ ही वह मूर्तियाँ भी तैयार कर रहीं हैं। यह मूर्तियाँ और दीपक मिट्टी, राख व गोबर को मिश्रित कर बनायी जा रहीं हैं जो कि पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही खाद के रूप में भी इस्तेमाल करने के योग्य हैं । इस काम में प्रदेश के करीब 750 स्वयं सहायता समूह लगे हैं । इस पहल से 5000 से अधिक महिलाओं के लिए आजीविका के अवसर पैदा किये गए हैं । यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” सूत्र वाक्य को भी चरितार्थ करता है और आत्मनिर्भर भारत की सोच को भी मजबूती देने वाला है ।