इस मामले में जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय भी जल्द मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करने जा रहा है। केस लखनऊ या फिर दिल्ली दर्ज किया जा सकता है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की अधिसूचना के बाद सीबीआई इंदिरानगर थाने में दर्ज मुकदमों से संबंधित सभी दस्तावेज जल्द ही अपने कब्जे में ले लेगी।
Vinay Pathak Case: कानपुर विवि के कुलपति प्रो. विनय पाठक पर जल्द ही कानून का डंडा चलेगा। मुकदमा दर्ज होने के बाद विनय पाठक लगातार फरार चल रहे हैं। प्रदेश सरकार की सिफारिश पर केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने सीबीआई की सहमति मिलते ही इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि जल्द ही सीबीआई के गिरफ्त में विनय पाठक होंगे।
इसके साथ ही इस मामले में जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय भी जल्द मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करने जा रहा है। केस लखनऊ या फिर दिल्ली दर्ज किया जा सकता है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की अधिसूचना के बाद सीबीआई इंदिरानगर थाने में दर्ज मुकदमों से संबंधित सभी दस्तावेज जल्द ही अपने कब्जे में ले लेगी।
इस केस की विवेचना की जिम्मेदारी जांच एजेंसी की लखनऊ शाखा को दी जा सकती है। इस केस में प्रो. पाठक उनके करीबियों अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष कुमार सिंह को भी आरोपी बनाया जाएगा। एसटीएफ द्वारा इस मामले की विवेचना के दौरान अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नोटिस के बाद भी नहीं पहुंचे विनय पाठक
मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने विनय पाठक को पूछताछ के लिए नोटिस भेजकर मुख्यालय में तलब किया था लेकिन पाठक नहीं पहुंचे थे। ऐसे में जल्द ही सीबीआई का शिकंजा विनय पाठक पर कसेगा। वहीं, मामले में ईडी ने लखनऊ पुलिस से जानकारियां भी तलब की थीं।