भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने अपने संसदीय बोर्ड (Bjp parliamentary board) और केंद्रीय चुनाव समिति (Central election committee) का पुनगर्ठन किया है। केंद्रीय संसदीय बोर्ड में बड़ा बदलाव किया गया है।
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने अपने संसदीय बोर्ड (Bjp parliamentary board) और केंद्रीय चुनाव समिति (Central election committee) का पुनगर्ठन किया है। केंद्रीय संसदीय बोर्ड में बड़ा बदलाव किया गया है। इस बोर्ड से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) और मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह को हटा दिया गया है। दोनो नेताओं को संसदीय बोर्ड से हटाने के पीछे भाजपा की क्या रणनीति है ये स्पष्ट नहीं हो सका है।
हालांकि, बीते कुछ दिनों से नितिन गडकरी (Nitin Gadkari)जरूरी पार्टी लीग से हटकर बयान देते नजर आते थे। इसके साथ ही 15 सदस्यों वाली केंद्रीय चुनाव समिति में भी दोनों नेताओं को नहीं जगह मिली है। हालांकि, इसमें महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया है।
इस फैसले को महाराष्ट्र और केंद्र में बड़े सियासी बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। एक तरफ चर्चित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने को उनके डिमोशन के तौर पर देखा जा रहा है तो वहीं देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की एंट्री उनका कद बढ़ने की ओर इशारा करती है।
देवेंद्र फडणवीस के कद बढ़ने के पीछे क्या है रणनीति?
बता दें कि, केंद्रीय चुनाव समिति में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को जगह मिलने के बाद उनका कद बढ़ गया है। महाराष्ट्र ही नहीं उसके बाहर भी उनका कद बढ़ा है। फडणवीस को आज ही महाराष्ट्र विधानपरिषद का नेता भी घोषित किया गया है। लेकिन नितिन गडकरी के साथ ऐसा नहीं है और वह अब सिर्फ केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ही हैं। भाजपा में उनके पास कोई पद नहीं है और न ही वह किसी राज्य के प्रभारी हैं। साफ है कि नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का सियासी रसूख पहले जैैसा नहीं रहा है।