उमरिया: लॉक डाउन के तीसरे चरण में मिली राहत के बाद मंगलवार को प्रशासन के द्वारा जारी निर्देशों के साथ बाजारों में जैसे ही दुकानें खुली वैसे ही लोगों की भीड़ भी दुकानों पर नजर आने लगी वहीं आज सड़कों पर भी रौनक दिखाई दी ! लेकिन बाजारों में कोरोना वायरस संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए शासन के द्वारा जारी सामाजिक दूरी के नियम की लोगों ने जमकर धज्जियां उड़ाई! करीब 44 दिन बाद बाजारों में दुकानदारों ने अपनी दुकानों के शटर उठाएं और साफ सफाई की तथा सामान व्यवस्थित किया ! वहीं दुकान पर खरीददारों की भीड़ भी नजर आई लेकिन लोगो को सामाजिक दूरी बनाना तो शायद याद ही नही था ।
मंगलवार को आदेश के बाद सभी प्रकार का सामान बेचने की दुकानें खुली जिससे लोगों को राहत तो मिली! और लोग अपनी जरूरत का सामान खरीदने बाजारों में पहुंचे लेकिन बाजारों में उमड़ी भीड़ को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा अभी मडरा आ रहा है अधिकतर खरीददार और दुकानदार तो किसी नियम का पालन करते नजर नही आये परंतु प्रशासन तो मानो सिर्फ आदेश जारी कर ही अपने दायित्वों और जिम्मेदारियों की इतिश्री कर ले रहा बड़े अधिकारी तो अपने आलीशान बंगलो से निकलते ही नहीं लॉक डाउन का तीसरा स्टेज शुरू हो गया पर जिले के कर्ताधर्ता का जिलेवासियों ने दर्शन तक नही किया।
कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए लॉकडाउन किया गया और 22 मार्च से शहरभर में सन्नाटा पसरा हुआ था सिर्फ कुछ घंटे के लिए जरूरी सामान खरीदने के लिए लोग निकलते और इसके बाद घरों में कैद हो जाते, जो लोग सड़कों पर आते उन्हें पुलिस खदेड़ रही थी लेकिन आज बाजारों का नजारा बदला हुआ था। सुबह 7 बजने के साथ ही दुकानों के शटर खुल गए और कई लोग खरीदारी करने के लिए घरों से बाहर आ गए। इस दौरान पुलिस भी लोगों को समझाइश दे रही थी कि शारीरिक दूरी बनाकर रखें और जल्द से जल्द सामान खरीद लें बेवजह बाजार में न घूमे।
सुबह कोई सब्जी लेने के लिए तो कोई किराने का सामान खरीदने के लिए दुकानों पर खड़ा नजर आ रहा था जिन बाजारों और गलियों में 44 दिनों से सन्नाटा था वहां आज लोगों की भीड़ नजर आ रही थी लेकिन बाजार खुलने के साथ ही लोग शायद भूल गए कि कोई महामारी फैली हुई है घर से बाहर निकलते ही लोगो ने सोशल डिस्टेसिंग का मजाक बनाकर रख दिया कहीं यह लापरवाही अभी तक सुरक्षित जिले के लिए ग्रहण न बन जाएं।