नई दिल्ली: विश्व में कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक बार फिर दुनिया को महामारी को लेकर चेतावनी दी है। संगठन का कहना है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए इससे प्रभावित मरीजों और अन्य मामलों की जानकारी जुटा लेना और उनका इलाज करा लेना पर्याप्त नहीं है, क्योंकि कोरोना ठीक हुए मरीज को फिर संक्रमित कर सकता है।
इसके साथ ही स्वास्थ्य संगठन ने भविष्य में ‘इम्युनिटी पासपोर्ट‘ जारी करने से संबंधित विचार को भी खारिज किया है। दरअसल, कुछ देशों ने संगठन को सुझाव दिया था कि ऐसे लोग जिनमें इस संक्रमण के खिलाफ अच्छी प्रतिरोधक क्षमता या एंटीबॉडी पाई गई है, उन्हें ‘इम्युनिटी पासपोर्ट‘ अथवा जोखिम मुक्त प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि ऐसा करने से वे सभी लोग अपने काम पर लौट सकें और आवश्यक यात्राएं कर सकें।
डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि जो कोरोना संक्रमित इलाज के बाद ठीक हुए हैं उनके शरीर में इस वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी मौजूद हैं, उन्हें दूसरी बार संक्रमण नहीं हो सकता है। संगठन ने यह भी कहा है कि ऐसा प्रमाण पत्र जारी करने से लोगों द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े मार्गदर्शनों का उल्लंघन या अनदेखी कर सकते हैं। ऐसे में कोरोना वायरस फैलने का खतरा और अधिक बढ़ सकता है।
वैश्विक संगठन का कहा है कि फिलहाल कई देश कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई के लिए एंटीबॉडी को लेकर टेस्ट और अध्ययन कर रहे हैं। इसके जरिए य पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि एक बार कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद लेाग किस हद तक प्रतिरोधक क्षमता हासिल कर पाते हैं।