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अतीक अहमद को दोषी ठहराने वाले जज के बड़े फैसलों के बारे में जानें, आइए जानते हैं कि वह हैं कौन ?

उमेश पाल किडनैपिंग केस में माफिया अतीक अहमद  समेत 3 आरोपियों को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी पाए जानें की बात सामने आई है। हालांकि अधिकारिक तौर पर कोई बयान सामने नहीं आया है। उमेश पाल को 2006 में अतीक अहमद ने अगवा कर लिया था।

By संतोष सिंह 
Updated Date

प्रयागराज ।  उमेश पाल किडनैपिंग केस में माफिया अतीक अहमद  समेत 3 आरोपियों को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी पाए जानें की बात सामने आई है। हालांकि अधिकारिक तौर पर कोई बयान सामने नहीं आया है। उमेश पाल को 2006 में अतीक अहमद ने अगवा कर लिया था।  24 घंटे तक टॉर्चर करने के बाद अतीक ने उमेश पाल से अपने पक्ष में गवाही भी दिला ली थी, लेकिन 2007 में सरकार बदलने के बाद उमेश पाल ने अतीक अहमद पर अपहरण का मामला दर्ज कराया था। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आज उमेश पाल किडनैपिंग केस में अतीक अहमद को दोषी ठहराया है। इस केस में कुल 11 आरोपी थे, जिसमें से एक (अंसर बाबा) की मौत हो चुकी है।  17 साल पुराने केस की सुनवाई जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने की। आइए जानते हैं कि जज दिनेश चंद्र शुक्ला कौन हैं?

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रायबरेली की रहने वाले हैं जज दिनेश चंद्र शुक्ला

स्पेशल कोर्ट (एमपी-एमएलए) के प्रीसीडिंग ऑफिसर जज दिनेश चंद्र शुक्ला, उत्तर प्रदेश के रायबरेली के रहने वाले हैं। 1 जनवरी 1968 को जन्मे दिनेश शुक्ला ने 1982 में हाईस्कूल, 1984 में इंटरमीडिएट, 1986 में बी-कॉम, 1988 में एम-कॉम, 1991 में एलएलबी और 2014 में पीएचडी की डिग्री हासिल की। दिनेश चंद्र शुक्ला ने साल 2009 बैच के न्यायिक अधिकारी हैं। 21 अप्रैल 2009 को उन्होंने भदोही के ज्ञानपुर में बतौर ज्यूडिशल मैजिस्ट्रेट अपने करियर की शुरुआत की थी। 2022 में स्पेशल कोर्ट (एमपी-एमएलए) के प्रीसीडिंग ऑफिसर के पद पर आने से पहले जज दिनेश चंद्र शुक्ला, इलाहाबाद के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज के पद पर तैनात थे। इससे पहले एडीजे झांसी, अडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज इलाहाबाद और मेरठ में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सचिव के पद पर भी सेवाएं दी हैं। जज दिनेश चंद्र शुक्ला की रिटायरमेंट 29 फरवरी 2028 में है।

मंत्री नंद गोपाल नंदी को सुनाई थी एक साल की सजा

स्पेशल कोर्ट (एमपी-एमएलए) के प्रीसीडिंग ऑफिसर जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने इसी साल 25 जनवरी को योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी ने 2014 लोकसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में एक साल की सजा और 10 हजार रुपये की जुर्माना लगाया था। जज दिनेश चंद्र शुक्ला की कोर्ट ने मंत्री नंद गोपाल नंदी को आईपीसी की धारा 147 और 323 में दोषी पाया था। हालांकि मंत्री नंद गोपाल नंदी ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी थी।

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सपा विधायक को डेढ़ साल की सजा दी 

इसी साल स्पेशल कोर्ट (एमपी-एमएलए) के प्रीसीडिंग ऑफिसर जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने 22 साल पुराने मामले में सपा विधायक विजमा यादव को डेढ़ साल की कैद और और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि 21 सितंबर 2000 को दोपहर ढ़ाई बजे प्रयागराज के सराय इनायत इलाके में पुलिस पार्टी पर हमला हुआ था। इसमें कई पुलिसवालों को चोटें आई थीं। इसका आरोप विजमा यादव व अन्य पर लगा था।

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