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आखिरी पिछले तीन साल में 3.9 लाख लोगों ने क्यों छोड़ी भारत की नागरिकता? ये देश बना पहली पसंद

भारत की नागारिकता छोड़ने को लेकर एक बेहद ही चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। इस आंकड़े ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। दरअसल, पिछले तीन सालों में करीब 4 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता को छोड़ दिया है। मंगलवार को संसद में एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी गई।

By शिव मौर्या 
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नई दिल्ली। भारत की नागारिकता छोड़ने को लेकर एक बेहद ही चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। इस आंकड़े ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। दरअसल, पिछले तीन सालों में करीब 4 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता को छोड़ दिया है। मंगलवार को संसद में एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी गई। सरकार की तरफ से बताया गया है कि पिछले 3 साल में 3.9 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता को छोड़ा है। भारत छोड़ने वाले ये लोग दुनिया के 103 देशों में जाकर बसे हैं और वहां की नागरिकता हासिल की है। सबसे अधिक भारतीयों की पसंद अमेरिका रहा है, जहां की इन लोगों ने नागरिकता ली है।

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हर साल डेढ़ लाख छोड़ रहे हैं देश
संसद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं। मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2021 में 1,63,370 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी। जबकि, साल 2020 में 85,256 लोगों ने और साल 2019 में 1,44,017 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी। तुलनात्मक दृष्टिकोण से देखें तो साल 2020 के मुकाबले साल 2021 में लगभग दोगुने लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़कर विदेशी नागरिकता ले ली।

अमेरिका बन रही पहली पसंद
देश छोड़ने वाले लोगों की अमेरिका पहली पंसद बन रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 78 हजार से अधिक लोगों ने अमेरिका की नागरिकता ली है। 2019 में 61683 लोगों ने, 2020 में 30828, 2021 में 78284 लोगों ने अमेरिका की नागरिकता ली है। वहीं दूसरे नंबर अमेरिका के बाद कनाडा आता है जहां की भारतीयों ने नागरिकता ली है।

पाकिस्तान की भी ली नागरिका
एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में जानकारी देते हुए कहा कि इन लोगों ने व्यक्तिगत वजहों का हवाला देते हुए भारत की नागरिकता छोड़ी है। आंकड़ों के अनुसार 7046 लोगों ने सिंगापुर, 3754 लोगों ने स्वीडन, 170 लोगों ने बहरीन, 2 ने अंगोल, 21 ने इरान, 1 ने इराक की नागरिकता ली है। इसके अलावा 1400 से अधिक लोगों ने चीन की भी नागरिकता हासिल की है। वहीं 48 ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने पाकिस्तान की नागरिकता ली है।

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