नई दिल्ली। अब सरकार की नजर गरीब की रोजी-रोटी पर भी है क्यूंकि कोई पापड़ या पकौड़ी बनाने का व्यवसाय करने जा रहे हैं तो पहले केमेस्ट्री से बीएससी पास करना जरुरी हो जायेगा, तभी सरकार खाद्य पदार्थ बेचने का लाइसेंस देगी। केंद्र सरकार ड्रग लाइसेंस की तर्ज पर फूड लाइसेंस बनाने की व्यवस्था करने जा रही है। प्रदेश में भी सरकार की स्वीकृति मिलते ही नए नियम लागू हो जाएंगे। इसके बाद पुराने फूड लाइसेंस का नवीनीकरण कराने वालों को नए नियम का पालन करना पड़ेगा।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने सरकार के इस प्रस्ताव पर तंज करते हुए बोला है की जब सांसदों और विधायको की डिग्री नहीं देखी जाती तब एक गरीब पकोड़े वाले की डिग्री क्यों देखना चाहती है सरकार।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी, कोरोनाकाल, बेरोजगारी व अन्य कारणों से वैसे भी जनता बहुत परेशान है। लोग छोटे मोटे व्यवसाय करके अपना व अपने परिवार का पेट पाल रहे है ऐसे सरकार द्वारा इस तरह का अत्याचार करना बेहद क्रूरतापूर्ण है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बिना लाइसेंस के खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम में दंड का प्रावधान है, जिसमें छह माह की सजा और पाच लाख रुपये तक जुर्माना भी फिक्स किया गया है। आखिर गरीब व्यक्ति इतने पैसे कहा से देगा| बिना सोचे समझे बनाये गए ऐसे नियम उस गरीब के पेट पर लात है जो आज इस मुश्किल दौर में एक एक दाने के लिए मोहताज है।
उन्होंने आहे कहा की जनता सरकार चुनती है ताकि वो एक अभिभावक की तरह उनका ध्यान रख सके न की इसलिए की वह उनके बुरे हालात को और बदतर बनाए।