नई दिल्ली। जसप्रीत बुमराह इस समय वनडे क्रिकेट के नंबर वन गेंदबाज है। पिछले कुछ सालों में इस गेंदबाज ने पूरी दुनिया में अपनी बॉलिंग का लोहा मनवाया है। टेस्ट से लेकर टी20 क्रिकेट में बुमराह ने बल्लेबाजों को धूल चटाई है।
आईपीएल से सुर्खियां पाने के बाद उन्होंने काफी तेजी से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहचान बनाई और आज वे भारतीय क्रिकेट टीम के अभिन्न अंग हैं। 22 मई को इंग्लैंड में वर्ल्ड कप खेलने के लिए उड़ान भरने वाले जसप्रीत बुमराह की सफलता के पीछे का राज ‘रिवर्स मैग्नेस फोर्स’ है। ये हमने नहीं बल्कि IIT कानपुर के एक प्रोफेसर ने कहा है।
सफलता का राज अभी तक कोई भी नहीं जान पाया था लेकिन आईआईटी कानपुर के एक प्रोफेसर ने बुमराह को मिली कामयाबी का राज खोल दिया है। आईआईटी-कानपुर के प्रोफेसर संजय मित्तल ने बुमराह की गेंदबाजी पर रिसर्च की और अंत में उनकी कामयाबी का श्रेय ‘रिवर्स मैग्नस फोर्स’ को दिया।
अपने एक अध्ययन में, मित्तल ने बताया कि कैसे बुमराह की गति, सीम स्थिति और 1,000 RPM की रोटेशनल गति गेंद को केवल 0.1 का स्पिन अनुपात देती है इसलिए इसे ‘रिवर्स मैग्नस इफेक्ट’ कहा जाता है। मित्तल ने www.inshorts.com के हवाले से लिखा, ‘बुमराह की गेंद तेजी से नीचे की ओर झुकती है, जिस कारण बल्लेबाजों को उनका सामना करने में परेशानी होती है।’
जसप्रीत बुमराह ने अब तक खेले गए 77 आईपीएल मैचों में 82 विकेट, 49 वनडे मैचों में 85 विकेट, 10 टेस्ट में 49 विकेट और भारत के लिए 42 T20I में 51 विकेट हासिल किए हैं। हाल ही में संपंन्न हुए आईपीएल फाइनल में भी चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ बुमराह को ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार दिया गया था।
ऐसे में जिस तरह के कातिलाना फॉर्म में बुमराह चल रहे हैं वो इंग्लैंड की परिस्थितियों में किसी भी बल्लेबाजी क्रम के लिए दिक्कतें खड़ी कर सकते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम यही उम्मीद कर रही होगी कि बुमराह अपना शानदार फॉर्म जारी रखें और भारत के विश्व कप अभियान को सफल बना सकें।