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शानदार जीत के बाद भी भाजपा विधायकों के माथे पर दिखी चिंता की लकीरें

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर प्रचंड जीत हासिल की है।

By प्रिया सिंह 
Updated Date

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर प्रचंड जीत हासिल की है। 23 जिलों में तो उसने क्लीन स्वीप किया है। लेकिन कुछ जनपद ऐसे रह गए जहां BJP को निराशा हाथ लगी। इस बड़ी जीत के बाद भी कुछ जिलों में उसे मायूसी भी मिली है। इसी बीच कुछ ऐसे जिले हैं जहां क्लीन स्वीप के बाद भी मतों का अंतर पिछली बार से कम है।

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इस लिस्ट में पहला नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सांसदीय क्षेत्र बनारस है जहां एक बार फिर भाजपा ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर क्लीन स्वीप किया है। वाराणसी में भाजपा गठबंधन ने लगातार दूसरी बार सभी आठ सीटों पर कब्जा जमाया है। इसके बाद भी यहां के विधायक मतों का अंतर घटने से चिंतित भी नजर आ रहे हैं।

शहर दक्षिणी सीट पर तो सांसें अंतिम तीन राउंड तक अटकी रहीं। यहां से भाजपा के डॉ. नीलकंठ तिवारी 10722 मतों से जीते। पिछली बार 17163 वोटों का अंतर था।

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पिंडरा में डॉ. अवधेश सिंह इस चुनाव में 35559 मत से जीते हैं। पिछली बार यह आंकड़ा 36951 था। शिवपुर से भाजपा के अनिल राजभर 27687 मतों से जीते जबकि पिछली बार 54160 वोटों से जीत मिली थी।

शहर उत्तरी सीट से भाजपा के रवीन्द्र जायसवाल को 40776 वोट से विजय मिली पर पिछली बार उन्होंने 45300 वोटों से विपक्षी उम्मीदवार को शिकस्त दी थी।

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हालाँकि इन सब के बावजूद भाजपा के लिए सुकून की बात यह रही कि पूर्ण बहुमत की सरकार एक बार फिर बन गयी। वहीं अखिलेश यादव के दावें एक बार फिर फेल हो गए।

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