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Wrestlers Protest: जब ओलंपिक पदक विजेता न्याय के लिए भटक रहे ​हैं तो राजनीतिक, खेल और फिल्मी जगत के ‘आदर्श’ क्यों हैं खामोश?

देश के तामम लोग खिलाड़ियों का समर्थन कर रहे हैं लेकिन फिल्मी पर्दे और खेल की दुनिया के हीरो कहे जाने वाले खिलाड़ी आज खामोश हैं। कुछ को छोड़कर ज्यादा खिलाड़ी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी ये चुप्पी कई बार सवालों के घेरे में भी आती है। किसी खिलाड़ी या फिल्मी सितारे का बेटियों के साथ हुए अन्याय पर एक बार भी बयान नहीं आया।

By टीम पर्दाफाश 
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Wrestlers Protest: दुनियाभर में देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी असली हीरो कहे जाते हैं। देश—विदेश तक वो अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हैं और मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करते हैं और देश के ये असील हीरो भी कहलाते हैं लेकिन आज ये हीरो साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया समेत अन्य न्याय के लिए भटक रहे हैं।

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इनके प्रदर्शन के एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है बावजूद इसके बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। देश के तामम लोग खिलाड़ियों का समर्थन कर रहे हैं लेकिन फिल्मी पर्दे और खेल की दुनिया के हीरो कहे जाने वाले खिलाड़ी आज खामोश हैं। कुछ को छोड़कर ज्यादा खिलाड़ी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी ये चुप्पी कई बार सवालों के घेरे में भी आती है। किसी खिलाड़ी या फिल्मी सितारे का बेटियों के साथ हुए अन्याय पर एक बार भी बयान नहीं आया।

नरेश टिकैत के समझाने के बाद लौटे पहलवान
किसान नेता नरेश टिकैत पहलवानों से मिलने के लिए हरिद्वार पहुंचे और उनसे बातचीत की। उन्होंने काफी देर तक पहलवानों को समझाया। उन्होंने पहलवानों को आश्वासन दिया कि वह पहलवानों को इंसाफ दिलाने के लिए वार्ता करेंगे। नरेश टिकैत की बात मानने के बाद पहलवान करीब पौने दो घंटे के बाद वापस लौट गए हैं।

गंगा नदी में मेडल बहाने का किया था एलान
बता दें कि मंगलवार को पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा था कि वह मेडल को गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि जितना पवित्र गंगा को माना जाता है, उतनी ही पवित्रता से मेहनत कर उन्होंने मेडल हासिल किए थे। उन्होंने ऐलान किया था कि गंगा में मेडल बहाने के बाद रेसलर्स दिल्ली में स्थित इंडिया गेट पर आमरण अनशन भी करेंगे।

 

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