लखनऊ। योगी सरकार में अभिव्यक्ति की आजादी पर एक बड़ा हमला हुआ है। एक टीवी चेैनल के पत्रकार ने कोरोना वायरस से जुड़ी हुई एक खबर क्या दिखा दी, योगी सरकार उस पत्रकार के पीछे पड़ गयी। बिना किसी नोटिस के ही यूपी एसटीएफ ने पत्रकार को पूछताछ के लिए बुला लिया और उससे घंटो तक पूछताछ की गयी, यही नही उस पर मांसिक दबाव बनाने की भी कोशिश की जा रही है। अब इस मामले को लेकर यूपी में विपक्ष की भूमिका निभा रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर पत्रकार का समर्थन करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है।
लोकतंत्र में सरकार पर सवाल उठानेवालों पर ही सवाल उठाने का मतलब होता है कि सरकार बचने के लिए पलटवार कर रही है. कभी PPE की ख़राब गुणवत्ता बताने वाला घिरता है, कभी अन्न-आपूर्ति की ख़ामियों को उजागर करनेवाला.
सरकार नकारात्मकता छोड़ आवागमन-परिवहन के लिए गाड़ियाँ चलाए तो अच्छा होगा. pic.twitter.com/Bsry3fPZc4
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 2, 2020
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दरअसल पिछले दिनों घटिया पीपीई किट को लेकर यूपी के महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के.के. गुप्ता का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस पत्र में उन्होंने कई मेडिकल कॉलेजों को घटिया पीपीई किट का उपयोग न करने समेत अन्य निर्देश दिए थे। इसी पत्र के आधार पर वरिष्ठ पत्रकार मनीष पांडेय ने अपने न्यूज चैनल में खराब गुणवत्ता वाली पीपीई किट की खबर चलवा दी थी। ये पत्र कैसे लीक हुआ इसकी जांच यूपी सरकार ने एसटीएफ को दी थी। अब एसटीएफ ने पूरी तरह से मनीष पांडेय पर ही शिंकजा कसना शुरू कर दिया है। पीड़ित पत्रकार मनीष पांडेय इस घटना के बाद काफी आहत हैं। अब विपक्ष भी पत्रकार के समर्थन में खड़ा हो गया है।