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योगी सरकार का बुलडोजर पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति के घर पर चलना तय, मिला अल्टीमेटम

यूपी के बांदा जिले की तिंदवारी सीट से बीजेपी विधायक रहे बृजेश प्रजापति (Brijesh Prajapati) मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है। यदि घर का नक्शा नहीं प्रस्तुत कर पाए तो मकान पर बुलडोजर चलना तय है। बांदा विकास प्राधिकरण (BDA) ने नोटिस जारी कर 15 दिनों में अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं होने पर विकास प्राधिकरण मकान को गिराने की कार्रवाई करेगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

बांदा। यूपी के बांदा जिले (Banda District) की तिंदवारी सीट (Tindwari Seat) से बीजेपी विधायक रहे बृजेश प्रजापति (Brijesh Prajapati) मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है। यदि घर का नक्शा नहीं प्रस्तुत कर पाए तो मकान पर बुलडोजर चलना तय है। बांदा विकास प्राधिकरण (BDA) ने नोटिस जारी कर 15 दिनों में अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं होने पर विकास प्राधिकरण मकान को गिराने की कार्रवाई करेगा।

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बता दें कि बृजेश प्रजापति (Brijesh Prajapati) विधानसभा चुनाव के पहले ही बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। बृजेश प्रजापति (Brijesh Prajapati) 2022 में सपा से तिंदवारी से विधानसभा चुनाव मैदान में थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। चुनाव खत्म होते ही प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया था।

बीडीए ने 22 मार्च 2022 को बृजेश प्रजापति (Brijesh Prajapati)  को नोटिस जारी कर घर के नक्शा के संबंध में 7 अप्रैल तक दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। बृजेश ने अपने पक्ष में प्रतिनिधि भेज कई दस्तावेज प्रस्तुत किए, लेकिन मकान निर्माण के नक्शे से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं दिखा सके। बीडीए कोर्ट में 16 अप्रैल 2022 तारीख लगी थी, जिसमें भी सपा नेता मकान निर्माण के कागज नहीं दिखा सके।

इसके बाद (BDA)  कोर्ट ने सोमवार यानी 18 अप्रैल को बृजेश प्रजापति (Brijesh Prajapati)  को नोटिस जारी कर खुद से मकान हटाने के लिए 15 दिनों की मोहलत दे दी। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो प्राधिकरण की ओर से मकान गिराने की कार्रवाई की जाएगी, जिसका खर्च भी मकान मालिक से वसूल किया जाएगा।

हालांकि इस मामले में बृजेश प्रजापति (Brijesh Prajapati)  से संपर्क नहीं हो पाया है, उनका मोबाइल नंबर बंद है। हालांकि, उनके पीआरओ मनोज प्रजापति ने कहा कि यह सब बदले की भावना से किया जा रहा है, लेकिन एक बड़ा सवाल है कि 2017 से 2022 तक भाजपा (BJP) से विधायक रहने के बाद बीडीए (BDA) को यह मकान अवैध नहीं दिखा। इस मामले में बीडीए के अधिकारियों से सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली है।

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