हाथरस: हाथरस मामले में योगी सरकार ऐक्शन मोड में आ गई है। शुक्रवार देर शाम सरकार ने हाथरस मामले में लापरवाही बरतने के चलते जिले के एसपी विक्रांत वीर, सीओ और इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनके अलावा चंदपा कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है। डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार (Hathras DM) पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। इसके साथ ही शामली के एसपी विनीत जायसवाल को हाथरस एसपी के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है।
बता दें कि इस मामले में शुरुआत से लेकर अभी तक प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। विवाद थमता न देख मुख्यमंत्री कार्यालय ने सीधा हस्तक्षेप किया और डीएम-एसपी के खिलाफ विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। पूरे मामले में डीएम और एसपी की भूमिका को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज थे। माना जा रहा था कि किसी भी वक्त हाथरस के डीएम और एसपी को सस्पेंड किया जा सकता है। हालांकि अभी डीएम पर कार्रवाई को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।
हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध रही है। मृत लड़की के परिवार ने डीएम लक्षकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। डीएम प्रवीण कुमार पर पीड़िता की भाभी ने आरोप लगाया था कि डीएम ने उनके ससुर (पीड़िता के पिता) से कहा है कि अगर तुम्हारी बेटी अभी कोरोना से मर जाती तो क्या तुमको मुआवजा मिल पाता?
इसके अलावा सोशल मीडिया पर जिलाधिकारी और पीड़िता के पिता के बीच हुई बातचीत की एक फुटेज से भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगने लगे हैं। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में डीएम पीड़िता के पिता से कह रहे हैं कि आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत करो। ये मीडिया वाले मैं आपको बता दूं, आधे आज चले गए और आधे कल चले जाएंगे। हम आपके साथ खड़े हैं, आपकी इच्छा है कि आपको बार बार बयान बदलना है कि नहीं बदलना है। अभी हम भी बदल जाएं तो?