नई दिल्ली: चीनी वायरस कोरोना से दुनियाभर के 200 से ज्यादा देशों में हाहाकार मचा है। चीनी वायरस कोरोना से दुनियाभर में अबतक 71 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दोस्त चीन के दिए वायरस से पाकिस्तान में भी कोहराम मचा है। यहां भी कोरोना संक्रमितों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। कोविड 19 की वजह से पाकिस्तान में इमरान सरकार और चीन के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। लोग इसके लिए चीन के साथ-साथ इमरान खान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इन सबके बीच पाकिस्तान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे लग रहे हैं। हर जगह सीएम योगी की चर्चा हो रही है। टीवी, अखबार से लेकर आम पाकिस्तानी तक सीएम योगी की तारीफ कर रहे हैं। महामारी कोरोना की इस जंग में सीएम योगी के कामों की पाकिस्तान में जमकर तारीफ हो रही है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन के संपादक ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की तुलना अपने देश के हालात से करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश के फैसलों से सीखें और महाराष्ट्र की गलतियों से सबक लेना होगा।
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन के स्थानीय संपादक फहद हुसैन ने कोरोना संक्रमण के असर को लेकर उप्र की तुलना अपने देश पाकिस्तान से की है। उन्होंने एक ग्राफ साझा करते हुए लिखा है कि इसे गौर से देखें। पाकिस्तान और भारत के राज्य उप्र की मृत्यु दर की तुलना करेंए जबकि जनसंख्या और साक्षरता दर लगभग समान है। गौर करने वाली बात है कि पाकिस्तान का प्रति किलोमीटर जनसंख्या घनत्व उप्र से कम और जीडीपी प्रति कैपिटा अधिक है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान का प्रति किलोमीटर जनसंख्या घनत्व यूपी से कम और जीडीपी प्रति कैपिटा अधिक है। उन्होंने लिखा है कि यूपी ने लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराया, जबकि हम (पाकिस्तान) नहीं कर सके। लिहाजा, मृत्यु दर में अंतर सामने है। अपने ट्वीट में विदेशी संपादक ने महाराष्ट्र की तुलना भी की है। साथ ही लिखा है कि यूपी में मृत्यु दर जहां पाकिस्तान से कम है, वहीं महाराष्ट्र में ज्यादा, जबकि वहां युवा आबादी और जीडीपी प्रति कैपिटा अधिक है। हमें यह जानना चाहिए कि उत्तर प्रदेश ने क्या सही फैसले किए और महाराष्ट्र ने क्या गलतियां कीं।
आपको बता दें कि सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, उतर प्रदेश में अभी तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 10261 है, जबकि पाकिस्तान में 98943 लोग संक्रमित हो चुके हैं। पाकिस्तान में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 2002 है, जबकि यूपी में अभी तक 275 लोगों की जान गई है।