नई दिल्ली: शायद कोई शख्स ऐसा होगा जिसे सर्च करने के लिए गूगल का सहारा न लिए हो। लेकिन अब ये काम आपको बड़ी ही सावधानी से करना पड़ेगा वरना आप बड़ी समस्या का शिकार हो जाएंगे।
क्योंकि आज हम आपको यहां कुछ ऐसी चीजों के बारे में जानकारी देंगे, जिन्हें सर्च कर आप परेशानी में फंस सकते हैं। यहां तक की आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कौन-सी चीजें हमें गूगल पर सर्च नहीं करनी चाहिए…
ध्यान रहे अपनी निजी ईमेल लॉगइन को गूगल पर सर्च करने से बचे रहे, ऐसा करने पर आपका अकाउंट हैक तथा पासवर्ड लीक होने की दिक्कत होती है। जिसके पश्चात् आपकी ईमेल आईडी के जरिये आप किसी स्कैम में भी फंस सकते हैं।
सर्च इंजन गूगल पर भूलकर भी बम बनाने तरीका अथवा इससे जुड़ी किसी भी चीज को सर्च न करें। ऐसा करने से आपको जेल जाना पड़ सकता है। आपको बता दें कि जैसे ही आप इस प्रकार की चीज गूगल पर सर्च करेंगे, तो कंपनी आपका आईपी एड्रेस डायरेक्ट सिक्योरिटी एजेंसियों को भेज देगी। तत्पश्चात, पॉसिबल है कि सिक्योरिटी एजेंसियां आपके विरुद्ध कार्रवाई कर सकती हैं।
वही यदि आपकी सेहत खराब है तथा आप गूगल के माध्यम से लक्षणों के आधार पर यह पता लगाना चाहते हैं कि आप कौनसे रोग से संक्रमित हैं। साथ ही गूगल पर उस रोग से ठीक होने के लिए दवाइयां सर्च कर रहे हैं, तो ऐसा न करें। गलत दवाइयों का खाने से आपकी सेहत और ज्यादा खराब हो सकती है। इसलिए जब भी आपकी सेहत खराब हो, तो तत्काल चिकित्सक के पास जाएं।
गूगल सर्च के माध्यम से कई बार फिशिंग अथवा फेक ऐप्स तथा सॉफ्टवेयर हम डाउनलोड कर लेते हैं, जो हमारे डिवाइस को हानि पहुंचा सकते हैं। ऐसे में किसी ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर अथवा फिर ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें। यही नहीं, किसी भी सॉफ्टवेयर को कंपनी के ऑफिशियल पोर्टल से ही डाउनलोड करें।
हम कोई भी प्रोडक्ट उपयोग कर रहे होते हैं तथा उसमें किसी भी प्रकार की समस्या आने पर हम डायरेक्ट कस्टमर केयर को कॉल करने की सोचते हैं। हमें कई बार किसी कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पता नहीं होता है, ऐसे में हम गूगल का ही सहारा लेते हैं, किन्तु क्या आपको पता है कि गूगल पर किसी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च करना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
आपको बता दें कि साइबर क्राइम को बढ़ावा देने वाले हैकर्स किसी भी कंपनी का फेक अथवा फेक हेल्पलाइन नंबर गूगल सर्च में फ्लोट करते हैं। ऐसे में जब आप उस नंबर पर फ़ोन करेंगे तो आपका नंबर हैकर्स के पास पहुंच जाता है। जिसके पश्चात् हैकर्स आपको आपके नंबर पर फ़ोन करके साइबर क्राइम को अंजाम दे सकते हैं, जिसमें कि SIM Swap जैसी घटनाएं सम्मिलित हैं।