नई दिल्ली। दिल्ली से सटे जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए अब ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने जिम्मेदारी ले ली है। जिसके बाद अडानी ग्रुप को सबसे बड़ा झटका लगा और ऐसे इसलिए क्योंकि ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने अडानी ग्रुप और DIAL को पछाड़ते हुए यह बाजी मारी है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि 2 दिसंबर को प्रदेश परियोजना निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति के सामने इस कंपनी के बिडिंग को रखा जाएगा, जिसके बाद ही आधिकारिक मुहर लगाई जाएगी। जेवर एयरपोर्ट की 29,560 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए जिन चार ग्रुप ने बोली लगाई थी उनमें एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग्स लिमिटेल भी शामिल है।
जाने कितनी लगाई गई बोली….
बता दें कि ये बिडिंग प्रति यात्री मिलने वाले राजस्व के हिसाब से की गई थी। जेवर एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर में तीसरा एयरपोर्ट होगा, इससे पहले दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गाजियाबाद में हिंडन एयरपोर्ट से यात्री विमान उड़ान भरती हैं।
बात करें अडानी ग्रुप की तो अभी देश के 6 एयरपोर्ट को चलाने की जिम्मेदारी है। जो 5 एयरपोर्ट अडानी ग्रुप के कब्जेस में आए हैं वो लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, मेंगलुरु, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम हैं। ये एयरपोर्ट अडानी ग्रुप ने 50 साल की अवधि के लिए अपने नाम किया है, यानि अब 50 साल तक इन 5 एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप अपग्रेड और ऑपरेट करेगा।