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कोरोना संक्रमण: भारतीय डबल म्यूटेंट खतरनाक, WHO ने कहा- शोध जारी

By अनूप कुमार 
Updated Date

नई दिल्ली: भारत, इस समय कोरोना की घातक लहर का सामना कर रहा है। पहली लहर की तुलना में यह ना सिर्फ संक्रामक है बल्कि बुजुर्गों के साथ युवाओं को भी चपेट में ले रहा है। इस बीच देश भर में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम बड़े पैमाने पर चल रहा है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि, मौजूदा वक्त में हमारा सारा ध्यान वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने पर हो और इससे होने वाली मौतों पर लगाम कसने में हो। उन्होंने कहा कि, वायरस के सभी प्रकार के वेरिएंट पर वैक्सीन कारगर है। घातक बीमारी के खिलाफ ये काफी प्रभावशाली है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि, पूरी तरह ये इंफेक्शन को नहीं रोक पाता।

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शीर्ष वैज्ञानिक ने भारत में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, भारतीय डबल म्‍यूटेंट कोरोना वायरस अधिक संक्रामक है, लेकिन यह वैक्सीन के प्रति प्रतिरोधक नहीं है। उन्होंने कहा कि, भारतीय वायरस बेहद तेजी से फैलता है, जिसके चलते संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुये कहा कि, वैक्सीन जरूर लें।

डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 टेक्निकल लीड डॉ मारिया वान केरोखोव का कहना है कि बी.1.167 वायरस शोध का विषय है। उनका कहना है कि ईपीआई टीम और डब्ल्यूएचओ टीम इस वायरस के विषय में लगातार जानकारी जुटा रही है। इस वायरस के संबंध में देश और दुनिया के अलग अलग मुल्कों में शोध जारी है और उन शोधों पर हमारी नजर भी है।

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