वाराणसी। उत्तर प्रदेश में 2 लाख 70 हजार टीबी मरीजों को सरकारी स्तर पर गोद लेने का काम हुआ है, जिसमें से 70 प्रतिशत मरीज आज रोगमुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। प्रदेश के टीबी रोगियों को पोषण सहायता के लिए प्रदेश सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से अबतक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है। हम यूपी की 25 करोड़ की आबादी को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतत्व में भारत आज हर क्षेत्र में समर्थ बनकर उभरा है। बीते छह साल में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में सभी योजनाओं को प्राथमिकता के साथ उत्तर प्रदेश में लागू किया गया है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की मौजूदगी में वर्ल्ड टीबी डे के अवसर पर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट‘ के दौरान कही।
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काशी पीएम की कर्म साधना की स्थली
तीन दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन और आध्यात्मिक व सांस्कृतिक नगरी के रूप में विख्यात बाबा विश्वनाथ की पावन धरा और पीएम की कर्मसाधना स्थली काशी में वर्ल्ड टीबी डे पर आयोजित इस कार्यक्रम में आए हुए सभी लोगों को प्रदेश सरकार और प्रदेश की जनता की ओर से मैं स्वागत व अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड टीबी डे के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन काशी में करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया को हृदय से धन्यवाद देता हूं। काशी पीएम की कर्म साधना की स्थली है, जहां से वे देश की संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
यूपी में 16 लाख 90 हजार टीबी रोगियों को मिली पोषण सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। स्टॉप टीबी कैंपेन की अधिशासी निदेशक डॉ लुशिका के उद्बोधन में ये सभी बातें बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत हुई हैं। भारत अपने अमृत काल के प्रथम वर्ष में है, ऐसे में पीएम मोदी की अध्यक्षता में भारत को जी-20 का नेतृत्व हासिल हुआ है। देश 2025 तक प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की आबादी के सबसे बड़े राज्य यूपी में कभी देश के 21 फीसदी टीबी रोगी पाए जाते थे। विगत पांच वर्ष में यूपी में 16 लाख 90 हजार टीबी रोगियों को पोषण सहायता के माध्यम से 422 करोड़ का भुगतान डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है। अबतक 2 लाख 25 हजार से अधिक टीबी रोगियों को गोद लिया गया है, जिन्हें पोषण सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इसका परिणाम रहा कि हमने इनमें से 70 फीसदी टीबी रोगियों को रोगमुक्त करने में कामयाबी हासिल की है। पीएम आयुष्मान वेलनेस सेंटर में टीबी जांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आज पूरे प्रदेश में अलग अलग जनपदों में 80 हजार से अधिक किट युद्धस्तर पर वितरित करने की कार्रवाई चल रही है।
जापानी और एक्यूट इन्सेफलाइटिस को 96 प्रतिशत तक समाप्त करने में मिली सफलता
मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व और उनके मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में बीते 6 साल में प्रत्येक योजनाओं को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू किया गया है। जो यूपी के 25 करोड़ की आबादी को स्वस्थ रखने के लिए के उद्देश्य से किया गया है। खासतौर पर संचारी रोग, जापानी और एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम को यूपी में 96 प्रतिशत तक समाप्त करने में सफलता हासिल की गई है। उन्होंने कहा कि भारत ने कोविड काल में दुनिया के सामने प्रबंधन का एक मॉडल प्रस्तुत किया है। पहली बार किसी महामारी के आने पर स्वदेशी वैक्सीन पीएम मोदी के नेतृत्व में विकसित की गई। ये रोगों के प्रति भारत की संवेदनशीलता का प्रमाण है। उत्तर प्रदेश में कोविड की 40 करोड़ डोज मुफ्त वैक्सीन के जरिए दी गई। यूपी में जहां पहले मातृ मृत्युदर 285 प्रति लाख थी उसे आज कम करते हुए 167 प्रति लाख तक लाया गया है। इसके अलावा शिशु मृत्युदर पहले 57 प्रति हजार थी, जिसे 38 प्रति हजार के स्तर पर लाने में हमें सफलता मिली है। टीबी के खिलाफ यूपी पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है और मुझे विश्वास है कि टीबी हारेगा और भारत जीतेगा। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के अलावा देश और दुनिया के आए स्वास्थ्य डेलिगेट्स मौजूद रहे।