नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत देश के बड़े राजनीतिज्ञों ने नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की है। अखिलेश यादव उनके शव को मेदांता अस्पताल से लेकर सैफई के लिए निकल पड़े हैं, जहां धरती पुत्र का मंगलवार को अंतिम संस्कार होगा। लेकिन मुलायम सिंह यादव की अंतिम विदाई से उनके करीबी दोस्त और सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक आजम खान दूर हैं। बता दें कि बीते दिनों ही उन्हें हार्ट अटैक आया था और बताया जा रहा है कि तब से ही वह दिल्ली के अस्पताल में एडमिट हैं।
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रामपुर में मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मनाने की बात हो या फिर चुनाव प्रचार में उनके हमसाये की तरह मौजूदगी, आजम खान हमेशा नेताजी के दायें हाथ की तरह मौजूद रहे हैं। लेकिन उन्हें अंतिम विदाई देने नहीं पहुंच पाए हैं। यह उनके लिए बेहद भावुक लम्हा होगा, लेकिन वह पहुंचने में असमर्थ हैं। आजम खान और मुलायम सिंह यादव की केमिस्ट्री की चर्चा यूपी की सियासत में हमेशा से रही है। समाजवादी पार्टी के एमवाई समीकरण में भी इस जोड़ी का अहम योगदान रहा है। समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव से आजम खान का रिश्ता इतना अटूट था कि नाराजगी के दौर में भी कभी आजम ने नेताजी पर सीधा अटैक नहीं किया।
जिसका जलवा रहेगा हमेशा कमज़ोरों के दिलो में क़ायम,
बस उसी का नाम था मुलायम ॥#MulayamSinghYadav pic.twitter.com/EzbQA1vvkk— M.Abdullah Azam Khan (@AbdullahAzamMLA) October 10, 2022
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यही नहीं अमर सिंह के जब मुलायम सिंह यादव से बेहद करीबी रिश्ते थे तो आजम खान ने अमर सिंह पर तीखे हमले किए, लेकिन मुलायम सिंह यादव पर हमेशा चुप्पी ही रखी। यही आजम खान और मुलायम सिंह यादव के रिश्तों की मर्यादा थी कि मतभेद कभी नाराजगी नहीं बदले और न कभी दूरियां पनपीं। इस घड़ी में मुलायम सिंह यादव को भले ही आजम खान विदाई देने नहीं पहुंच पाए हैं। लेकिन उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने जरूर एक भावुक ट्वीट किया है। पिता आजम खान और मुलायम सिंह यादव की एक तस्वीर ट्वीट करते हुए अब्दुल्ला आजम ने लिखा कि ‘जिसका जलवा रहेगा हमेशा कमज़ोरों के दिलो में क़ायम, बस उसी का नाम था मुलायम।’