Adani-Hindenburg Case : अडानी -हिंडनबर्ग मामले में बुधवार को एक नया मोड़ सामने आया है। इस पूरे केस में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नया डेवलपमेंट सामने रखा है। बता दें कि ED ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को एक रिपोर्ट सौंपी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेबी की ओर से अडानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपे जाने के कुछ दिनों बाद ED ने अडानी समूह की कंपनियों की शॉर्ट सेलिंग से संबंधित मामले में एक भारतीय प्राइवेट बैंक तथा 15 निवेशकों पर शक जाहिर किया है।
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मीडिया रिपोर्ट से पता चलता है कि, केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने इन 16 संस्थाओं से संबंधित अपनी खुफिया जानकारी SEBI के साथ साझा किया है। जिसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शामिल हैं।
ED ने साझा की खुफिया जानकारियां
प्रवर्तन निदेशालय (ED) धन-शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत तब तक अपराध जांच दर्ज नहीं कर सकता, जब तक कि कोई विशेष अपराध न हो। दूसरी तरफ, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) किसी भी संदिग्ध गतिविधि में शामिल पाए जाने वाली किसी भी यूनिट के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कर सकती है। TOI की मानें तो इस पूरे मामले में यदि SEBI शिकायत दर्ज करता है, तो यह ED के लिए PMLA के तहत जांच शुरू करने का आधार बन सकता है। समाचार संस्था ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि, ईडी ने भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में ‘संदिग्ध’ गतिविधियों में शामिल कुछ भारतीय तथा विदेशी संस्थाओं के खिलाफ पर्याप्त खुफिया जानकारी इकट्ठा की है। कुछ सूचनाएं हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) और उनके द्वारा की गई शॉर्ट सेलिंग से भी संबंधित है।
ED को कैसे हुआ शक?
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मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट आने से दो या तीन दिन पहले ही कुछ विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) ने शॉर्ट पोजीशन ली थी। उनके बेनिफिशियल ऑनरशिप का पता लगाने के लिए जांच जारी है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि इनमें से अधिकांश यूनिट्स ने कभी भी अडानी के शेयरों की डील ही नहीं की थी। बल्कि, तो कुछ पहली बार ट्रेड कर रहे थे।
SEBI ने सौंपी स्टेटस रिपोर्ट
वहीं, सुप्रीम कोर्ट (SC ) ने 2 मार्च, 2023 को अडानी ग्रुप की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से पैदा हुए इश्यू पर एक एक्सपर्ट पैनल का गठन किया था। इस समिति में 6 सदस्य थे, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम सप्रे (Justice AM Sapre) कर रहे हैं। सेबी ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) से संबंधित 24 जांच में से 22 फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी गई है। दो पर अंतरिम रिपोर्ट सौंपी है, जिनकी विदेशी संस्थाओं से अपडेट आना बाकी है।