काबुल: अमेरिकी सेना (us Army) सोमवार रात को अफगानिस्तान (Afghanistan) की धरती छोड़ कर वापस अपने मुल्क चली गई।अमेरिकी फौज के काबुल छोड़ने के कुछ मिनटों के बाद ही तालिबान (Taliban) ने काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर कब्जा कर लिया। अपनी रवानगी से पहले अमेरिकी सैनिकों ने एक बड़ा काम यह किया कि उन्होंने काबुल एयरपोर्ट के हैंगर में मौजूद अपने हेलिकॉप्टरों और आर्मर्ड वाहनों (armored vehicles) को तकनीकी रूप से अयोग्य कर दिया ताकि उनका दोबारा इस्तेमाल न किया जा सके। इसके बाद अब ये विमान एक कबाड़ बनकर रह गए हैं।
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दूसरी तरफ अमेरिका का दावा है कि काबुल एयरपोर्ट पर उसने जो भी विमान छोड़े है वो सब अब किसी काम के नहीं है। अमेरिका का ये भी दावा है कि जितने भी अमेरिकी एयरक्राफ्ट तालिबान के कब्जे में हैं, उनमें से एक भी तालिबान के काम नहीं आएगा। ना ही तालिबानी उसे उड़ा पाएंगे, क्योंकि काबुल छोड़ने से पहले अमेरिकी सैनिकों ने सभी एयरक्राफ्ट को डैमेज कर दिया।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सेंट्रल कमान के प्रमुख जनरल कीनेथ मैकेंजी ने बताया कि काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहले ही 73 एयरक्राफ्ट मौजूद थे और अपना दो सप्ताह का रेस्क्यू मिशन पूरा करने के बाद अमेरिकी सैनिकों ने इन्हें ‘बेकार’ कर दिया। उन्होंने कहा, ‘ये एयरक्राफ्ट फिर नहीं उड़ेंगे…इन्हें कोई भी चला नहीं सकेगा।’ अमेरिकी सैनिकों ने 27 हमवीस और 73 एयरक्राफ्ट को ‘अयोग्य’ बनाया। इन्हें फिर दोबारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता है। रिपोर्टों के मुताबिक अमेरिकी सैनिकों ने अपने पीछे करीब 70 एमआरएपी आर्मर्ड टैक्टिकल वाहनों को छोड़ा है। बताया जाता है कि इस तरह के एक वाहन की कीमत एक मिलियन डॉलर है।