गोरखपुर। यूपी पुलिस के कारनामे भी अजीबो गरीब होते हैं। आजम खां की भैंस और रामपुर के ही कांग्रेस किसान नेता हाजी नाज़िश खान की घोड़ी पकड़ने को लेकर सुर्खियों में रही यूपी पुलिस एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार पुलिस का पाला मंत्री की भैंस नहीं बल्कि एक एमएलसी(MLC) की बिल्लियों से पड़ा है। इस बार चुनौती पेश की है प्राणी उद्यान के रेंजर समेत छह कर्मचारियों ने। असल में शाहपुर थाना क्षेत्र स्थित एमएलसी के आवास पर एक बिल्ली(Cats) ने चार बच्चे दे दिए।
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उसके बाद उन बिल्लियों की आवाज और उनके द्वारा की जा रही गंदगी से पूरा घर परेशान था। तमाम जतन करने के बाद बिल्ली और उसके बच्चों से परिवार को छुटकारा नहीं मिला। उसके बाद प्राणी उद्यान के रेंजर सुनील राव से मदद मांगी गई। दो दिन तक हलकान रहे शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान के रेंजर समेत छह कर्मचारियों ने आखिरकार एमएलसी के घर से छह घरेलू बिल्लियों को रेस्क्यू(Rescue) करने में कामयाब हो गए। शनिवार से ही रेंजर सुनील राव की अगुवाई में माली गौरव, संदीप, विनय, जगदम्बा और चंद्रदेव बिल्लियों को पकड़ने की कोशिश में जुटे थे। रविवार(Sunday) की मशक्कत बेकार गई।
सोमवार को कर्मचारियों ने आखिरकार बिल्ली और उसके बच्चे को रेस्क्यू कर उन्हें उचित सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया। प्रभारी डीएफओ विकास यादव का कहना है कि वन विभाग घरेलू जानवर नहीं रेस्क्यू करता। वाइल्ड लाइफ(Wild life) रेस्क्यू किया जाता है। बिल्ली घरेलू जानवर की श्रेणी में है। दूसरे घरेलू बिल्ली वन्यजीव की श्रेणी में नहीं आती, इसलिए उसके रेस्क्यू का प्रश्न नहीं उठता। फिलहाल प्राणी उद्यान के रेंजर और कर्मचारी मेरे निर्देश पर रेस्क्यू करने नहीं गए थे।