नई दिल्ली। देश में चक्रवाती तूफान ताउते की तबाही के बाद अब देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में साइक्लोन यास का खतरा मंडराने लगा है। बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चक्रवाती तूफान यास ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों तक पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने शनिवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बन रहा है, 24 मई तक यह तूफान में तब्दील हो सकता है। हालात को लेकर नौसेना और आपदा प्रबंधन तैयारी में जुटा है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आठ 8 बाढ़ राहत दल और 4 गोताखोर दलों को तैनात किया गया है।
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Low pressure area has formed over eastcentral BoB today morning. To intensify into a CS by 24th May. To intensify further into Very Severe Cyclonic Storm, move north-northwestwards and cross West Bengal and adjoining north Odisha & Bangladesh coasts around 26th evening. pic.twitter.com/DakiLqpw0f
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 22, 2021
वहीं नौसेना ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री बांटने के लिए विशाखापत्तनम में आईएनएस डेगा और चेन्नई में आईएनएस राजाली को उतारा है। साथ ही 4 जहाज और आपदा राहत टीम, गोताखोर और चिकित्सा टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
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पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अलर्ट जारी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक यह लो प्रेशर तूफान में तबदील होकर ये उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगा। चक्रवाती तूफान यास के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने तटीय जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही 24 मई के बाद मछुआरों को समंदर में जाने से रोक दिया है और लोगों से भी तटीय इलाके में नहीं जाने की अपील की है। वहीं पश्चिम बंगाल ने भी मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को निर्देश दिया है। दोनों राज्यों में रेस्क्यू टीमों की तैनाती कर दी गई है।
बंगाल की खाड़ी में 22-24 मई तक नहीं जाने का आदेश
मौसम विभाग ने इन इलाकों में छिटपुट बारिश के साथ गरज और बिजली गिरने की संभावना जताई है। भारतीय मौसम विभाग ने मछुआरों से कहा है कि 22-24 मई के दौरान दक्षिण-पूर्व और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की ओर नहीं जाए। इस दौरान इन क्षेत्रों में भारी खतरा है। बता दें कि पिछले दिनों ताउते तूफान से गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों को नुकसान हुआ । इसमे सैकड़ों लोगों की मौत भी हो गई। मुंबई में एक शिप के डूबने से 52 लोगों की जान चली गई।