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अक्षय तृतीया 2022: जानिए तारीख, पूजा मुहूर्त, महत्व और बहुत कुछ

आज अक्षय तृतीया है। शास्त्रों में अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त है यानी ऐसी तिथि जिसमें किसी तरह का शुभ कार्य या शुभ खरीदारी करने के लिए मुहूर्त नहीं देखा जाता है। बिना शुभ मुहूर्त के सभी तरह के शुभ कार्य की शुरुआत की जा सकती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 03 मई को है। अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय का मतलब होता है जिसका कभी भी क्षय या नाश न होना। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन शुभ खरीदारी या शुभ कार्य करने पर हमेशा इसमें वृद्धि होती है। अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य करने, दान, स्नान और जप आदि करने पर कभी भी शुभ फल की कमी नहीं होती है। वहीं खासतौर पर अक्षय तृतीया के दिन विशेष तौर पर सोने के आभूषण की खरीदारी की जाती है। मान्यता है इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदने से व्यक्ति के जीवन में माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है जिससे व्यक्ति का जीवन सुख,समृद्धि और वैभव का वास रहता है। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया का महत्व और खास बात

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अक्षय तृतीया 2022: तिथि

द्रिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया मंगलवार (3 मई 2022) को पड़ रही है।

अक्षय तृतीया 2022: समय

द्रिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया का पूजा मुहूर्त 3 ​​मई को सुबह 5:40 बजे से दोपहर 12:19 बजे तक है. पूजा की अवधि 6 घंटे 39 मिनट है. इसके अलावा, तृतीया तिथि 3 मई, 2022 को सुबह 5:18 बजे शुरू होगी और 4 मई 2022 को सुबह 7:32 बजे समाप्त होगी।

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अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त

05:40 पूर्वाह्न से 12:19 अपराह्न
अवधि – 06 घंटे 39 मिनट
तृतीया तिथि प्रारंभ – 05:18 पूर्वाह्न 03 मई, 2022
तृतीया तिथि समाप्त – 07:32 पूर्वाह्न 04 मई, 2022

अक्षय तृतीया पर क्यों खरीदते हैं सोने के आभूषण

ऐसा माना जाता है। कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से समृद्धि और अधिक धन की प्राप्ति होती है। द्रिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया पर लोग सुबह 5:40 बजे, 3 मई से 5:39 बजे, 4 मई तक सोना खरीद सकते हैं। शुभ मुहूर्त की अवधि 23 घंटे 59 मिनट है। हर वर्ष अक्षय तृतीया के त्योहार के दिन सोने के आभूषण खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। मान्यता है इस दिन खरीदा गया सोना सुख,समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक होता है। ऐसा माना जाता है इस दिन खरीदा गया सोना या निवेश किया गया धन कभी भी खत्म नहीं होता। मान्यता है अक्षय तृतीया के दिन खरीदे गए सोने और निवेश का स्वयं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी रक्षा और उसमें वृद्धि करते हैं।

अक्षय तृतीया 2022: इतिहास

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ऐसा माना जाता है कि इसी दिन वेद व्यास जी ने कथा सुनाई थी और भगवान गणेश ने महान महाकाव्य महाभारत लिखना शुरू किया था। यह भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म इसी दिन हुआ था। इसके अलावा, भक्तों का मानना ​​है कि इस दिन और पवित्र नदी गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थी। लोगों का मानना ​​है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने पांडवों को अक्षय पात्र भेंट किया था जब वे वनवास में थे। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा को धन-धान्य प्रदान किया था।

अक्षय तृतीया पर बना शुभ योग
शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है। इस तिथि पर किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त देखने के आवश्कता नहीं होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अक्षय तृतीया 03 मई को सुकर्मा योग में मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया के दिन शोभन और मातंग योग, तैतिल करण,रोहिणी नक्षत्र और वृष राशि का चंद्रमा रहेगा। मंगलवार, 03 मई के दिन अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र के संयोग से मातंग नाम का शुभ योग बन रहा है। इस योग में किए गए कार्य का फल अक्षय रहता है। शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र पड़ने को बहुत ही शुभ माना गया है। इसके अलावा इस अक्षय तृतीया पर पांच ग्रहों की शुभ स्थिति भी देखने को मिलेगी। ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया पर सूर्य,चंद्रमा,शुक्र उच्च राशि में और गुरु और शनि अपनी स्वराशि में रहेंगे। इस तरह के शुभ योग और नक्षत्र में खरीदरी, निवेश और लेन-देन के लिए पूरा दिन बहुत ही शुभ रहने वाला होगा।

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