नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) और ISIS का खौफ जारी है। इसके बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के आतंकियों ने कुछ दिन पहले कंधार (Kandahar )जाकर तालिबान (Taliban) के साथ बैठक की है। इस दौरान जैश-ए-मोहम्मद (JEM) ने भारत में अपनी गतिविधियां चलाने के लिए तालिबान की मदद मांगी है।
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इनपुट मिला है कि पाकिस्तान (Pakistan) से निकले दो आतंकी श्रीनगर में ग्रेनेड हमला (Grenade Attack in Srinagar) करने की साजिश रच रहे हैं। इसको देखते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। उनसे कहा गया है कि किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार रहें। इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों (Security Agencies) को सोशल मीडिया (social media) पर नजर रखने के लिए भी कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, तालिबान के बड़े नेताओं के साथ मीटिंग में जैश के आतंकियों (Jaish Terrorists) ने पाकिस्तान (Pakistan) के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की है।
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबानी कब्जे के बाद बढ़ी सरगर्मी
तालिबान (Taliban) ने 15 अगस्त को काबुल (Kabul) पर कब्जा कर लिया है। अफगानिस्तान (Afghanistan) से सत्ता छीन ली। इसके बाद कई देशों ने काबुल से अपने नागरिकों और राजनयिकों को निकालना शुरू कर दिया है। अभी भी काबुल एयरपोर्ट पर हजारों लोग जमा हैं। जो अफगानिस्तान छोड़कर भागना चाहते हैं। भारत ने काबुल से अपने लोगों को लाने के लिए मिशन ‘देवी शक्ति’ शुरू किया है। वहां से हिंदू और सिख अफगान को निकालने का काम जारी है।
इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के खुरासान मॉड्यूल (khorasan module) ने बीते गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट के बाहर फिदायीन हमले को अंजाम दिया जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक सहित कम से कम 170 अफगान नागरिक मारे गए। उसके बाद अमेरिका (America) ने भी आईएसआईएस (ISIS) के ठिकानों पर ड्रोन से बमबारी की है। इसमें हमले के आरोपी IS आतंकी के मारे जाने का दावा किया गया है।
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मिशन काबुल के अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक रहेंगे : अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम (National Security Team) ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी सैनिकों के काबुल छोड़ने से पहले आतंकी हमला (Terrorist Attack) कर सकते हैं। व्हाइट हाउस (White House) की प्रेस सेकेट्री जेन साकी (Press Secretary Jen Psaki) ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर सुरक्षा के हर संभव इंतजाम किए जा रहे हैं। तमाम खतरों के बीच हमारे सैनिक लोगों को निकालने के मिशन में जुटे हैं, लेकिन इस मिशन के अगले कुछ दिन सबसे खतरनाक रहेंगे।