प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मंगलवार को अदालतों में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को लेकर बेहद कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने पिछले 24 घंटे में दो बड़े कदम उठाए हैं। कमेटी ने जहां हाईकोर्ट में ही तैनात महिला सेक्शन ऑफिसर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है, वहीं प्रयागराज जिला कोर्ट (Prayagraj District Court) के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज को सस्पेंड कर आधी रात को उनका चेंबर सील करा दिया है। हाईकोर्ट की इन दो कार्रवाईयों से न्यायिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में तैनात महिला सेक्शन ऑफिसर कुसुम मिश्रा पर आरोप था कि उन्होंने चित्रकूट के एक शख्स से नौकरी दिलाने के नाम पर दस लाख रुपए की घूस ली। चित्रकूट के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर लिए गए दस लाख रुपए न तो वापस किए गए और न ही नौकरी दिलाई गई। इस मामले की शिकायत हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी (Administrative Committee) से की गई। प्रशासनिक कमेटी (Administrative Committee) की जांच में महिला सेक्शन ऑफिसर कुसुम मिश्रा पर लगे आरोप सही पाए गए और उन्हें दोषी करार दिया गया है। प्रशासनिक कमेटी (Administrative Committee) ने इस आधार पर कुसुम मिश्रा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
एडीजे राम किशोर शुक्ला पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
दूसरा मामला प्रयागराज की जिला अदालत (Prayagraj District Court) से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी (Administrative Committee) ने यहां तैनात एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज फर्स्ट (Additional District Judge First) के पद पर तैनात राम किशोर शुक्ला (Ram Kishore Shukla) को न सिर्फ सस्पेंड कर दिया है, बल्कि आधी रात को उनका चेंबर और दफ्तर सील भी करा दिया। हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी (Administrative Committee) के आदेश पर डिस्ट्रिक्ट जज ने रात करीब एक बजे कोर्ट परिसर में पहुंचकर एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (Additional District Judge) के चैंबर व दफ्तर को सील कराया। एडीजे राम किशोर शुक्ला (ADJ Ram Kishore Shukla) पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे।
कार्रवाई से गया सख्त संदेश
24 घंटे के अंदर हुई इन दो बड़ी कार्रवाइयों से न्यायपालिका में हड़कंप मचा हुआ है। इन कार्रवाइयों के पीछे हाईकोर्ट को यह सख्त संदेश देना था कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायपालिका पर लोगों का जबरदस्त भरोसा बना हुआ है और भ्रष्टाचार के आरोप लगने से यह भरोसा टूटता है। ऐसे में इस तरह की कार्रवाई बेहद जरूरी होती है। इस तरह की सख्त कार्रवाई से न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा पहले की तरह ही कायम रहेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Prayagraj District Court) के वकील विजय चंद्र श्रीवास्तव (Advocate Vijay Chandra Srivastava) और महिला वकील सुनीता शर्मा (Female Advocate Sunita Sharma) का कहना है कि हाईकोर्ट का यह कदम स्वागत के लायक है। वीसी श्रीवास्तव (VC Srivastava) और सुनीता शर्मा (Sunita Sharma) के मुताबिक ऐसे कदमों से न्यायपालिका के प्रति लोगों का सम्मान और विश्वास दोनों बढ़ता है। आगे भी इस तरह के ही सख्त कदम उठाए जाने जरूरी हैं।