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आगरा नगर निगम का गजब  हाल :  मेयर ने 238 करोड़ के घपले का आरोपी को बनाया OSD, घिरी तो बोलीं- कैसे मान लूं भ्रष्टाचारी है? सदन में हंगामा

By संतोष सिंह 
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आगरा : आगरा में जिस संविदा कर्मचारी पर 238 करोड़ रुपए के अनियमितता का आरोप लगा है, उसे मेयर ने अपना OSD बना लिया है। इस फैसले के बाद मेयर हेमलता दिवाकर घिर गई हैं।

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नगर निगम में बजट सत्र के दौरान सदन में विपक्षी नेताओं ने जमकर हंगामा किया। पार्षद धरने पर बैठ गए। भाजपा और बसपा सहित अन्य पार्षदों के बीच जमकर तकरार हुई। हंगामे के चलते मेयर सदन छोड़कर बाहर चली गईं। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया।

मेयर बोलीं- मैं कैसे मान लूं कि राकेश बंसल भ्रष्टाचारी है

OSD राकेश बंसल को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद मेयर हेमलता दिवाकर ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि राकेश बंसल पर 238 करोड़ की संपत्ति जुटाने के जो आरोप लगे हैं, वो अभी साबित नहीं हुए हैं। ऐसे में वो कैसे मान लें कि राकेश बंसल भ्रष्टाचारी है। वो मेयर हैं, उनको अधिकार है कि किसको OSD रखेंगी। उन्होंने कहा कि पता नहीं विपक्ष को क्या मिर्ची लग गई है, जो हंगामा कर रहे हैं।

विपक्ष ने किया- वॉक आउट, चलता रहा सदन

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सदन छोड़कर बाहर जाने के करीब 15 मिनट बाद मेयर हेमलता दिवाकर वापस सदन में लौंटी। उनके आते ही बसपा और सपा के पार्षद हंगामा करने लगे। उन्होंने सदन से वॉक आउट कर दिया। सभी पार्षद सदन के बाहर धरने पर बैठ गए। हालांकि पार्षदों के वॉक आउट के बाद भी सदन की कार्यवाही चलती रही।

2017 में मेयर ने राकेश बंसल के खिलाफ जांच के लिए लिखा था

सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है। लेटर में 2017 की तारीख लिखी है। उस समय विधायक रहते खुद हेमलता दिवाकर ने राकेश बंसल को हटाने और जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इस लेटर के वायरल होने के बाद हेमलता दिवाकर पर सवाल उठ रहे हैं। ये लेटर सही है फेक, इसकी अधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। दैनिक भास्कर भी इस पत्र की पुष्टि नहीं करता है। मेयर का मानना है कि नगर निगम में संविदा कर्मी राकेश बंसल से अनुभवी कोई व्यक्ति नहीं है। उनके 15 साल के अनुभव को देखते हुए उन्हें OSD बनाने का आदेश जारी किया है।

दो दिन पहले मेयर ने क्या कहा था?

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बुधवार को मेयर हेमलता दिवाकर ने पत्रकारों को बुलाया था। उनके साथ शहर और नगर निगम को बेहतर करने के लिए चर्चा की थी। इस चर्चा में नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोप और तबादला होने के बाद भी सीट पर जमे कर्मचारियों के नाम आए। मेयर ने कहा कि अब उनके कार्यकाल में ये सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विश्वास दिलाया कि भ्रष्टाचार के आरोप लगने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने लगाए थे आरोप

संविदा कर्मी राकेश बंसल पर विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने 2021 में शासन से शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि राकेश बंसल ने नगर निगम में 12 साल तक टेंडर पूल किया है। वह अवैध वसूली और ब्लैकमेलिंग करता है। इस पर विजिलेंस जांच भी शुरू हुई थी। जो भी भी चल रही है।

 

राकेश बंसल 2008 में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर  किया था ज्वाइन

राकेश बंसल 2008 में नगर निगम में पांच हजार रुपए में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात हुआ था। तत्कालीन नगर आयुक्त श्याम सिंह यादव ने उसे पीए बना दिया था। इसके बाद तो राकेश बंसल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। संविदा कर्मी होते हुए भी निगम के अधिकारियों जैसा रुतबा रखता था। उसने टेंडर पूल करना, संविदा कर्मचारियों को रखवाना, बिना काम के भुगतान करने जैसे गोरखधंधे शुरू कर दिए थे। नगर आयुक्त अरुण प्रकाश का तो वो चहेता था। निखिल टीकारा फुंडे के कार्यकाल में शिकायत होने पर उसकी सेवा समाप्त हुई थीं।

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सेवा समाप्त होने के बाद से एक साल से राकेश बंसल था भूमिगत 

सेवा समाप्त होने के बाद से एक साल से राकेश बंसल भूमिगत था। मगर हेमलता दिवाकर के मेयर बनते ही राकेश बंसल फिर से एक्टिव हो गया। नगर निगम में उसका आना जाना शुरू हो गया था।

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