लखनऊ। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच में चुनती दी हैं। उन्हें गृह मंत्रालय, केंद्र सरकार के आदेश के क्रम में यूपी सरकार ने पिछले 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृति दी थी। अमिताभ ने अपनी याचिका में कहा कि केंद्र सरकार व यूपी शासन के आदेश पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने कहा कि मात्र उनके प्रति व्यक्तिगत ,व्यवस्थाजन्य विद्वेष व पूर्वाग्रह के कारण पारित किये गए हैं, जिससे उनका पूरा परिवार दुष्प्रभावित हुआ है।
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अमिताभ ने कहा कि यूपी शासन ने बिना कारण व आधार के मनमाने ढंग से उनका नाम चुन कर उन्हें सेवा से निकाले जाने की संस्तुति की, जिसे केंद्र सरकार ने अनुमोदित कर दिया। अतः जब उन्होंने इस आदेश से संबंधित अभिलेख मांगे तो दोनों सरकार द्वारा उन्हें अभिलेख देने से मना कर दिया गया।
अमिताभ ने कहा कि इस प्रकार से अभिलेख देने से मना करने से यह साफ़ हो जाता है कि दोनों सरकार के आदेश गलत हैं। इन्हें छिपाना चाहती हैं। अतः उन्होंने इस आदेश को ख़ारिज करते हुए उन्हें सेवा में वापस लिए जाने। उन्हें इस अवधि के समस्त सेवा लाभ दिए जाने की प्रार्थना की है।