नई दिल्ली। देशभर में कोरोना की दूसरी लहर से रोजाना हजारों लोग जान गंवा रहे हैं। इस व्यथित बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर के सब्र का बांध अब टूटता नजर आ रहा है। अभी तक वह मोदी सरकार के शान में कसीदे गढ़ते नहीं थक रहे थे। उन्होंने हाल ही विधानसभा चुनाव के दौरान यहां तक कह दिया था कि चाहे जितना विरोध कर लो आएगा तो मोदी ही, लेकिन शायद अब अनुपम खेर को अपने बयान पर पछतावा हो रहा है और आखिरकार मोदी सरकार को पहली बार निशाने पर लिया है।
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हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अनुपम ने कहा कि इस महामारी की वजह से देश में जो हालात पैदा हो गए हैं। उसके लिए अब सरकार को जिम्मेदार ठहराना आवश्यक है। ऐसा करना अब वैध नजर आता है। अनुपम के इस बयान के बाद से वह चर्चाओं में आ गए हैं और काफी हद तक लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं।
इंटरव्यू के दौरान अनुपम कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। अधिकारियों की सार्वजनिक आलोचना ‘कई मामलों में वैध’ है। यह समझना बहुत जरूरी है कि इस समय इमेज बनाने से ज्यादा जरूरी लोगों की जान बचाना है। सरकार से स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन में कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ हुई है लेकिन इन खामियों का फायदा दूसरे राजनीतिक दलों को अपने हक में नहीं उठाना चाहिए।
वहीं अनुपम से जब पूछा गया कि सरकार की कोशिश अभी राहत देने की बजाय खुद की इमेज और समझ को बनाने पर ज्यादा है, तो इस पर वह कहते हैं, ‘सरकार के लिए जरूरी है कि वह इस चुनौती का डंटकर सामना करे और उन लोगों के लिए कुछ करे जिन्होंने उन्हें चुना है।
अनुपम खेर ने गंगा और अन्य नदियों में मिलने वाले अज्ञात शवों का भी संज्ञान लिया। अक्सर सरकार की प्रशंसा करने वाले एक्टर अनुपम खेर ने कहा कि सरकार को लोगों ने ही चुना है और उसे करना होगा। मैं मानता हूं कि जो अमानवीय होगा, वही गंगा में बहती लाशों से प्रभावित नहीं होगा।